डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही भारत को अमेरिका से बड़ी सौगात मिल गई है. दरअसल अमेरिका ने भारत के इंदिरा गांधी एटॉमिक रिसर्च सेंटर को उन संस्थानों की फेहरिस्त से हटा दिया है जो अमेरिकी कंपनियों से कुछ सामान के निर्यात पर नियंत्रण के अधीन थे.
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Indian Nuclear Entities: अमेरिका ने भारत के इंदिरा गांधी एटॉमिक रिसर्च सेंटर, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और इंडियन रियर अर्थ्स को उन संस्थानों की लिस्ट से हटा दिया है जो अमेरिकी कंपनियों से कुछ सामान के निर्यात पर नियंत्रण के अधीन थे. अमेरिका ने इन और अन्य भारतीय संस्थानों को मई 1998 में हुए परमाणु परीक्षणों के बाद सूची में जोड़ा था. इनमें से नौ संस्थानों को 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान लिस्ट से हटा दिया गया था.
अमेरिका के ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी (BIS) ने बुधवार को कहा कि यह कदम ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बाधाओं को कम करने के अलावा साझा ऊर्जा सुरक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा. BIS ने कहा,'अमेरिका और भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और इससे जुड़ी अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. दोनों देशों ने साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वर्षों से मजबूत सहयोग किया है, जिससे दोनों और उनके साझेदार देशों को फायदा हुआ है.'
अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल डिप्टी असिसटेंट मैथ्यू बोरमन ने कहा,'इन तीन भारतीय संस्थानों को हटाने से अमेरिका और भारत के बीच महत्वपूर्ण खनिजों और स्वच्छ ऊर्जा सप्लाई को सुरक्षित बनाने में सहयोग बढ़ेगा. यह कदम अमेरिका-भारत साझेदारी की रणनीतिक दिशा का समर्थन भी करता है.
हटाए गए संस्थानों में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) के अलावा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की चार ब्रांच- आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ARDE), डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब (DRDL), मिसाइल रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स, सॉलिड स्टेट फिजिक्स लैबोरेटरी. साथ ही इसरो (ISRO) की चार ब्रांच - लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर, सॉलिड प्रोपेलेंट स्पेस बूस्टर प्लांट (SPROB), श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर (SHAR) और विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) शामिल थीं. 2010 में राष्ट्रपति ओबामा के भारत दौरे के दौरान भी कुछ भारतीय संस्थानों को लिस्ट से हटाया गया था.
बुधवार को BIS ने 11 चीनी संगठनों को इस लिस्ट में जोड़ा था. इनमें से 10 को चीन की मिलिट्री मॉडर्नाइजेशन के लिए एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च और डेवलपमेंट में शामिल होने की वजह से जोड़ा गया है. एक संगठन को लिथोग्राफी तकनीक डेवलपमेंट करने के लिए जोड़ा गया, जो चीन में एडवांस चिप मैन्युफेक्चरिंग के लिए जरूरी है और जिसका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों में किया जाएगा.