Rajasthan Election: उदयपुर में बीजेपी को PM मोदी के करिश्मे पर भरोसा, कांग्रेस ने 'जादूगर' से जोड़ा पायलट; कौन मारेगा बाजी?
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Rajasthan Election: उदयपुर में बीजेपी को PM मोदी के करिश्मे पर भरोसा, कांग्रेस ने 'जादूगर' से जोड़ा पायलट; कौन मारेगा बाजी?

Udaipur Vidhan Sabha News: उदयपुर सीट राजस्थान की सबसे हॉट सीट मानी जाती है. इसकी वजह है यहां का विश्व प्रसिद्ध पर्यटन उद्योग और साथ में यहां से आने वाली पॉलिटिकल हस्तियां. बीजेपी के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया यही से विधायक बने थे, कांग्रेस के बड़े नेता और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी उदयपुर से ही आते है.

Rajasthan Election: उदयपुर में बीजेपी को PM मोदी के करिश्मे पर भरोसा, कांग्रेस ने 'जादूगर' से जोड़ा पायलट; कौन मारेगा बाजी?

Rajasthan Chunav 2023: राजस्थान में चुनाव की सरगर्मी है. जिधर देखों उधर हलचल है. इस बीच ज़ी न्यूज़ का चुनाव रथ पूरे सूबे में दौड़ रहा है. यहां वोटिंग में पांच दिन बाकी हैं. 25 नवंबर को धोरों की धरती की जनता अपनी नई सरकार चुनने के लिए मतदान करेगी. ऐसे में आज हमारी ग्राउंड रिपोर्ट उदयपुर जिले से क्योंकि उदयपुर सीट, राजस्थान की सबसे हॉट सीट मानी जाती है. इसकी वजह है यहां का विश्व प्रसिद्ध पर्यटन उद्योग और साथ में यहां से आने वाली पॉलिटिकल हस्तियां. बीजेपी के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया यही से विधायक बने थे, कांग्रेस के बड़े नेता और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी उदयपुर से ही आते है. साल 2018 में गुलाबचंद कटारिया ने कांग्रेस की कद्दावर नेता गिरिजा व्यास को चुनाव में हराया था, लेकिन अब वो राज्यपाल बन गए है तो उनकी जगह पर ताराचंद जैन को टिकट दिया गया है.

मुश्किलों का अंबार

इस बार इस सीट से बीजेपी ने गुलाबचंद कटारिया के खास माने जाने वाले ताराचंद जैन को टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस में एक तरह से पैराशूट लैंडिंग से अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ को चुनावी मैदान में उतारा गया है. ताराचंद जैन कहते है कि उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. उदयपुर में सबसे बड़ी मुश्किल ट्रैफिक जाम की है. यहां स्टेशन से लेकर कलेक्टर ऑफिस तक एक फ्लाईओवर बनना है, जो अब तक कागजों पर अटका हुआ है. ताराचंद जैन कहते है की उन्होंने खुद इसकी दबी फाइलों को बाहर निकाला है और अब आनें वाले दो तीन साल में इसके निर्माण की बात कर रहे हैं. 

उपेक्षा का कौन जिम्मेदार?

उदयपुर इतना बड़ा टूरिज्म स्पॉट होने के बावजूद भी आजतक यहां इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू नही हो पाई है. अब ताराचंद इसके लिए भी दो से तीन साल का समय मांग रहे है. उदयपुर झीलों, बावडियो का शहर कहलाता है. पुराने समय में पानी की समस्या से निपटने के लिए ही बावड़ियो का निर्माण किया गया था, फिर इनमे गंदगी का भंडार लगने लगा है. इस समस्या पर बहुत ज्यादा काम तो नही हो पाया है इसकी वजह हर पांच साल में सरकार का बदलना है. जिन जरूरी कामों को उदयपुर को मिलना चाहिए था, उसके बजाय फालतू के काम किए गए है. 

कन्हैया लाल का मर्डर कितना बड़ा मुद्दा?

ताराचंद जैन कहते है की इसी शहर में कन्हैया लाल का मर्डर सिर्फ इस बात पर कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट डाली थी. ताराचंद जैन कहते है की जब भी कांग्रेस की सरकार आती है आसामाजिक तत्वों को बल मिलता है और वो अपनी मनमानी करते हैं. जयपुर बॉम्ब ब्लास्ट के आरोपी भी सरकारी की कानूनी नाकामी की वजह से छूट गए हैं. इस घटना को आज भी हिंदू मतदाता भूल नहीं पाया है और इसका असर आने वाले चुनावो पर जरूर दिखेगा. जहां तक गौरव वल्लभ से सीधा मुकाबले का सवाल है तो कांग्रेस को अपने कार्यकर्ता पर विश्वास ही नहीं है, ना अपने काम पर विश्वास है. कांग्रेस सिर्फ इसी उधेड़बुन में है की कौन उनकी लाज बचा सकता है.

कांग्रेस की तैयारी

वही कांग्रेस ने इस बार मैदान में अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ को उतारा है. गौरव वल्लभ की पत्नी उदयपुर संभाग से आती हैं. पिछले 5-6 महीनों से गौरव वल्लभ लगातार उदयपुर के चक्कर लगा रहे है, कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. लोकल स्तर पर अपनी पैठ जमाने की कोशिश में जुटे हैं. गौरव वल्लभ कहते हैं कि इस शहर में पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने का पोटेंशियल है लेकिन भारत में स्वच्छता के मामले में उदयपुर 122 वें नंबर पर आता है. बीते 20 साल से उदयपुर में कुशासन चल रहा है, बीच चौराहे पर टॉयलेट बना दिया गया है. 6 लाख की उदयपुर की जनसंख्या पर सिर्फ 2 लाख टूरिस्ट ही उदयपुर आते हैं. जबकि वेनिस में ढाई लाख की आबादी पर सालाना साढ़े चार लाख टूरिस्ट आते हैं.

शहरी बनाम बाहरी  

जहां तक सवाल उदयपुर में पैराशूट लैंडिंग का है और लोकल कार्यकर्ताओं की नाराजगी का है तो गौरव वल्लभ कहते है की मेरे पास जितनी संख्या में कार्यकर्ता है, ये इस नरेटिव को काउंटर करने के लिए काफी है. मेरी पत्नी और बेटी दोनों का जन्म इसी शहर में हुआ है, उनकी शिक्षा इसी शहर की है. मेरी बहन की शादी भी यही हुई हैं. 25 साल से मेरा स्थाई पता इसी शहर का है. बीजेपी के पास नीति, नेता और नीयत तीनों नहीं है.

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