क्या साधारण सा Wi-Fi कर रहा आपके शरीर को खोखला? हर सेकेण्ड करता है रेडिएशन की बौछार!
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क्या साधारण सा Wi-Fi कर रहा आपके शरीर को खोखला? हर सेकेण्ड करता है रेडिएशन की बौछार!

WiFi Dangers: वाईफाई के इस खतरे के बारे में शायद ही इसे इस्तेमाल करने वाले यूजर्स जानते होंगे, ये जानलेवा साबित हो सकता है इसीलिए इसके बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए. 

क्या साधारण सा Wi-Fi कर रहा आपके शरीर को खोखला? हर सेकेण्ड करता है रेडिएशन की बौछार!

Dangers of WiFi: आपके घर में इस्तेमाल होने वाले Wi-Fi से काफी मात्रा में रेडिएशन निकलता है. Wi-Fi (वायरलेस फ़ाई) एक तकनीक है जिसका उपयोग डेटा को वायरलेस रूप से इंटरनेट से कनेक्टेड उपकरणों के बीच ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है. Wi-Fi रेडियो तरंगों का उपयोग करता है जिससे डेटा को बिना तार या केबल के तथा लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट आदि जैसे डिवाइस के साथ शेयर किया जाता है.

Wi-Fi रेडिएशन निकालने का प्रक्रिया इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम में पड़ती है और यह लोगों तक पहुंचती है, जिनके पास Wi-Fi सक्रिय होता है. हालांकि, Wi-Fi रेडिएशन का स्तर आम तौर पर बहुत कम होता है और यह मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने के लिए स्वाभाविक रूप से बहुत कम होता है.

अधिकतर वैज्ञानिक संगठनों ने Wi-Fi रेडिएशन को सुरक्षित माना है, हालांकि, कुछ लोगों को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को लेकर संदेह की स्थिति में हैं. वे लोग विभिन्न उपायों का प्रयास करते हैं, जैसे कि वायरलेस राउटर को दूर रखना या नियमित रूप से वायरलेस उपकरण का उपयोग कम करना, इससे उन्हें रेडिएशन से बचाव मिल सकता है. 

हालांकि सामान्यतः, वायरलेस रूप से इंटरनेट सेवा का उपयोग करने से निकलने वाले रेडिएशन का स्तर इतना कम होता है कि यह मानव स्वास्थ्य पर अवांछनीय प्रभाव नहीं डालता है. ये तब है जब आप वाईफाई के संपर्क में कम आते हैं. हालांकि आप अगर दफ्तर में भी और घर पर भी लगातार वाईफाई के संपर्क में रहते हैं तो ये मानकर चलिए कि लंबे समय तक ऐसा करना आपकी सेहत को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. अगर आप भी इससे बचना चाहते हैं तो आपको भी इसका इस्तेमाल करने के दौरान राउटर से दूर रहना चाहिए और छोटे बच्चों को भी इससे दूर ही रखना चाहिए. 

वाईफाई रेडिएशन से शरीर को किस तरह नुकसान हो सकता है

स्लीप डिसटर्बेंस: कुछ शोधों में, वाईफाई रेडिएशन के निकट रहने से स्लीप के गुणवत्ता पर असर होने की बात सामने आई है. 

डीएनए और सेल डैमेज: कुछ शोधों में, वाईफाई रेडिएशन के अधिक अनुभव के कारण डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) में नुकसान होने की बात कही गई है जिससे सेल डैमेज हो सकता है. 

स्किन इरिटेशन: कुछ लोगों को वाईफाई रेडिएशन से संबंधित स्किन इरिटेशन की शिकायत हो सकती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी वाईफाई रेडिएशन को अध्ययन किया है और ने यह जानकारी प्रस्तुत की है कि वाईफाई रेडिएशन का स्तर इतना कम होता है कि यह मानव स्वास्थ्य पर किसी खतरे का कारण नहीं बनता है.

इसके बावजूद, स्वयं सुरक्षा के लिए आप अपने वाईफाई राउटर को रात को बंद कर सकते हैं या इसे अधिक विशिष्ट रेडिएशन शील्ड के साथ रख सकते हैं, जिससे इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है. 

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