Ratan Tata का सपना होगा अब पूरा! चीनी ब्रांड्स के पीछे पड़ा टाटा, करना चाहता है ये काम
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Ratan Tata का सपना होगा अब पूरा! चीनी ब्रांड्स के पीछे पड़ा टाटा, करना चाहता है ये काम

Tata Electronics इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली बड़ी कंपनियों में से एक बनना चाहती है. रतन टाटा भी चाहते थे कि टाटा इलेक्ट्रोनिक्स का नाम भी ग्लोबल मैप पर नजर आए. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स उसी लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश कर रहा है.

 

Ratan Tata का सपना होगा अब पूरा! चीनी ब्रांड्स के पीछे पड़ा टाटा, करना चाहता है ये काम

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स कथितौर पर चीनी स्मार्टफोन कंपनियों Xiaomi और Oppo के साथ पार्टनरशिप करने की कोशिश कर रहा है. कंपनी का लक्ष्य है कि वह सिर्फ Apple के लिए ही काम न करे, बल्कि और भी कंपनियों के लिए काम करे. इस कदम से पता चलता है कि कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली बड़ी कंपनियों में से एक बनना चाहती है. बता दें, रतन टाटा भी चाहते थे कि टाटा इलेक्ट्रोनिक्स का नाम भी ग्लोबल मैप पर नजर आए. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स उसी लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश कर रहा है.

इकोनॉमिक टाइम्स ने इंडस्ट्री सोर्सिस के हवाले से कहा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने महसूस किया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली बड़ी कंपनियों में शामिल होने के लिए उन्हें बड़े स्तर पर काम करना होगा. सूत्रों में से एक ने कहा, 'वे प्रमुख चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं, जिनमें Xiaomi और Oppo शामिल हैं, उसके साथ एक्टिव रूप से चर्चा कर रहे हैं ताकि घटकों का निर्माण शुरू किया जा सके.'

वीवो से चल रही थी बात

वहीं, Vivo के साथ शुरुआती बातचीत चल रही थी, लेकिन हाल ही में Dixon Technologies के साथ हुए संयुक्त उपक्रम ने इस सहयोग को रोक दिया है. सूत्र ने ईटी को बताया, 'वे शुरू में Vivo के साथ भी बातचीत कर रहे थे, लेकिन अब ऐसा लगता है कि Vivo के साथ पार्टनरशिप नहीं होगी क्योंकि उन्होंने Dixon Technologies के साथ एक संयुक्त उपक्रम शुरू किया है.'

पिछले महीने Vivo और Dixon Technologies ने मिलकर एक नई कंपनी बनाई है. यह कंपनी मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाएगी. इस नई कंपनी में Dixon के पास 51% हिस्सा होगा और Vivo India के पास 49% हिस्सा होगा.

टाटा चाहता है यह चीज

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अभी iPhone के लिए सिर्फ बॉडी पार्ट्स बनाती है, लेकिन अब वे Foxconn जैसी बड़ी कंपनी बनना चाहते हैं. इसलिए वे अब कैमरा और डिस्प्ले जैसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हिस्से भी बनाना शुरू करेंगे. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का यह फैसला नोएडा की कंपनी Dixon Technologies के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.

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