European Commission: यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह ऐप्पल, गूगल और मेटा जैसी बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियों के खिलाफ अपनी जांच जारी रखेगा. चाहे अमेरिका में कौन भी सरकार हो, इससे ईयू को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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Tech Companies Cases: यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह ऐप्पल, गूगल और मेटा जैसी बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियों के खिलाफ अपनी जांच जारी रखेगा. चाहे अमेरिका में कौन भी सरकार हो, इससे ईयू को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से उसकी टेक कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच प्रभावित नहीं होगी. कुछ खबरें आई थीं कि अमेरिका में नए राष्ट्रपति के आने के बाद यूरोपीय संघ इन कंपनियों पर कम सख्त हो सकता है. लेकिन यूरोपीय संघ ने इस बात को खारिज कर दिया है.
यूरोपीय संघ टेक कंपनियों के खिलाफ कर रहा जांच
यूरोपीय संघ इन कंपनियों पर यह जांच कर रहा है कि क्या वे अपने देशों में बनाए गए कुछ नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। इन नियमों का मकसद है कि बड़ी टेक कंपनियां नियमों का पालन करें और गलत जानकारी को फैलने से रोकें. यूरोपीय आयोग ने अपने डिजिटल मार्केट्स एक्ट और डिजिटल सर्विसेज एक्ट के तहत अमेरिकी टेक कंपनियों के खिलाफ जांच की हैं, ताकि बड़े प्लेटफार्म्स नियमों का पालन करें और अवैध कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई करें. मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि यूरोप "सेंसरशिप को संस्थागत बना रहा है."
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प्रवक्ता ने क्या कहा
यूरोपीय संघ के कार्यकारी दल की डेली ब्रीफिंग में आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि "हम बहुत स्पष्ट हैं कि तीसरे देशों में कोई भी प्रशासन सत्ता में हो, इससे हमारे काम प्रभावित नहीं होंगे."
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यूरोपीय आयोग ने क्या कहा
फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया था कि यूरोपीय आयोग ऐप्पल, मेटा और गूगल की अपनी जांचों का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है. एक रिव्यू में यह पाया जा सकता है कि ईयू अपनी जांच को कम कर सकता है या बदल सकता है, जिससे जुर्माना हो सकता है क्योंकि अमेरिकी ग्रुप्स ट्रम्प से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं. लेकिन, यूरोपीय आयोग ने इस बात से इनकार किया कि वह कोई रिव्यू कर रहा है.