भारत और इंग्लैंड के बीच जमकर मचा बवाल, हर्षित राणा हैं बड़ी वजह, जानिए क्या कहते हैं ICC के नियम?
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भारत और इंग्लैंड के बीच जमकर मचा बवाल, हर्षित राणा हैं बड़ी वजह, जानिए क्या कहते हैं ICC के नियम?

भारत और इंग्लैंड के बीच पुणे में खेले गए चौथे टी20 मैच के दौरान कनकशन सब्स्टीट्यूट को लेकर हुए विवाद ने माहौल गर्म कर दिया है. मैच के बाद सोशल मीडिया और इंग्लैंड टीम के खेमे की तरफ से टीम इंडिया पर 'बेईमानी' करने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

भारत और इंग्लैंड के बीच जमकर मचा बवाल, हर्षित राणा हैं बड़ी वजह, जानिए क्या कहते हैं ICC के नियम?

भारत और इंग्लैंड के बीच पुणे में खेले गए चौथे टी20 मैच के दौरान कनकशन सब्स्टीट्यूट को लेकर हुए विवाद ने माहौल गर्म कर दिया है. मैच के बाद सोशल मीडिया और इंग्लैंड टीम के खेमे की तरफ से टीम इंडिया पर 'बेईमानी' करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. भारत की पारी के आखिरी ओवर में शिवम दुबे के हेलमेट पर गेंद लगने के बाद तेज गेंदबाज हर्षित राणा को उनकी जगह कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर शामिल किया गया. हर्षित राणा ने इस मैच को पलटकर रख दिया और 4 ओवरों में 33 रन देकर 3 विकेट झटक लिए.

भारत और इंग्लैंड के बीच जमकर मचा बवाल

इंग्लैंड इस घटना की वजह से न सिर्फ चौथा टी20 मैच 15 रन से हार गया, बल्कि उसने सीरीज भी गंवा दी. अब टीम इंडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि शिवम दुबे गेंदबाजी में हर्षित राणा जितने काबिल नहीं हैं और न ही हर्षित राणा बैटिंग में शिवम दुबे की तरह गर्दा उड़ाने के लिए जाने जाते हैं. तो फिर किस आधार पर हर्षित राणा को शिवम दुबे का कनकशन सब्स्टीट्यूट बनाया गया है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने एक्स पर कहा कि तेज गेंदबाज हर्षित राणा ऑलराउंडर दुबे की जगह नहीं ले सकते थे. माइकल वॉन ने एक्स पर लिखा, 'एक बेहतरीन गेंदबाज कैसे एक ऐसे बल्लेबाज की जगह ले सकता है, जो पार्ट टाइम गेंदबाजी करता है !!!!!!!!!!!!!!!!'

क्या कहते हैं ICC के नियम?

ICC के नियम के अनुसार क्लॉज 1.2.7.3 में कहा गया है कि ICC मैच रेफरी को आमतौर पर कनकशन रिप्लेसमेंट अनुरोध को मंजूरी देनी चाहिए, अगर सब्स्टीट्यूट वाला खिलाड़ी एक समान है. जिसके शामिल होने से मैच के शेष भाग में उसकी/उसकी टीम को अत्यधिक लाभ नहीं होगा. यानी एक बल्लेबाज ही बल्लेबाज को, गेंदबाज ही गेंदबाज को और एक बैटिंग ऑलराउंडर ही बैटिंग ऑलराउंडर को रिप्लेस कर सकता है. किसी भी कन्कशन रिप्लेसमेंट अनुरोध के संबंध में आईसीसी मैच रेफरी का निर्णय अंतिम होगा और किसी भी टीम को अपील का कोई अधिकार नहीं होगा.

पहले भी हो चुका है ये बवाल

लेकिन, टीम इंडिया के इस एक कदम ने नई बहस छेड़ दी है. जब ऑलराउंडर शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा जैसे स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज को इंग्लैंड की पारी में 12वें ओवर के दौरान गेंदबाजी के लिए बुलाया गया. जाहिर हैं शिवम दुबे गेंदबाजी में हर्षित राणा जितने काबिल नहीं हैं और न ही हर्षित राणा बैटिंग में शिवम दुबे की तरह गर्दा उड़ाने के लिए जाने जाते हैं. यह पहली बार नहीं था जब भारत के लिए ऐसा हुआ हो. साल 2020 में स्पिनर युजवेंद्र चहल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टी20I मैच में ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की जगह कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर आए थे और तीन विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता था.

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