Team India: भारतीय टीम में बीते वक्त में कई ऐसे दिग्गज क्रिकेटर रहे जो टॉप-5 में उतरने के बावजूद गेंदबाजी करते थे, लेकिन अब रोहित शर्मा और विराट कोहली (Virat Kohli) जैसे धुरंधर बॉलिंग नहीं करते. इस सवाल पर टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने बड़ा बयान दिया है.
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Indian Head Coach Rahul Dravid Statement : भारतीय टीम को अपनी मेजबानी में वनडे वर्ल्ड कप खेलना है. करोड़ों क्रिकेट फैंस को टीम इंडिया से उम्मीदें हैं कि रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के नेतृत्व में 10 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी जीतने में कामयाबी मिलेगी. टीम में कई दिग्गज क्रिकेटर हैं, लेकिन आखिरकार रोहित शर्मा और विराट कोहली (Virat Kohli) जैसे धुरंधर गेंदबाजी क्यों नहीं करते. इस सवाल पर टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने रिएक्ट किया है.
सीनियर क्रिकेटर पहले करते थे गेंदबाजी
भारतीय क्रिकेट टीम का ‘थिंक टैंक’ हाल के वर्षों में और अधिक ऑलराउंडर्स को खिलाने पर जोर दे रहा है जिसका लेना-देना टॉप ऑर्डर की मौजूदा पीढ़ी का गेंदबाजी नहीं करना है. बीते समय में उनके सीनियर क्रिकेटर ऐसा करते थे. भारतीय टीम की अक्षर पटेल या वॉशिंगटन सुंदर को मैदान पर उतारने की बेताबी 2 चीजों पर आधारित है कि बल्लेबाज इतनी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं और निचले क्रम के बल्लेबाज बैट से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं.
तो क्या बदलाव हुआ है?
टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अपनी टीम में खासतौर से विराट कोहली, रोहित शर्मा, श्रेयस अय्यर और सूर्यकुमार यादव (जो गेंदबाजी नहीं करते) के बचाव में कहा, ‘मुझे लगता है कि ऐसा नियम बदलने की वजह से हो सकता है. अचानक से ही आप सर्कल के अंदर 4 से 5 फील्डर्स को रखने लगे. मुझे लगता है कि इससे कामचलाऊ गेंदबाज की मिडिल ओवर्स में गेंदबाजी करने की काबिलियत में तेजी से बदलाव हुआ है.’
सूर्यकुमार के एक्शन पर मचा था बवाल
सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) को कुछ वर्ष पहले मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए बुलाया गया था जिसके बाद से उन्होंने कभी बॉलिंग नहीं की. सूर्यकुमार से पहले शिखर धवन कभी-कभार ऑफ स्पिन करते थे लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्हें संदिग्ध एक्शन के लिए बुलाया गया. फिर उन्होंने भी गेंदबाजी बिलकुल बंद कर दी.
सचिन और गांगुली ने खूब दिखाया दम
अगर बीते समय की बात की जाए तो महान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) इनस्विंगर, आउटस्विंगर, लेग ब्रेक, ऑफ-ब्रेक किया करते थे जिससे उन्होंने 154 विकेट वनडे फॉर्मेट में झटके. पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी 100 विकेट झटके हैं जबकि युवराज सिंह की गेंदबाजी ने भारत को 2011 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका अदा की. युवी ने 111 विकेट हासिल किए हैं. ये सभी विशेषज्ञ बल्लेबाज टॉप-5 में उतरते थे. वीरेंद्र सहवाग ने 96 और सुरेश रैना ने 36 विकेट हासिल किए.
द्रविड़ ने इसे ठहराया जिम्मेदार
अपने जमाने के दिग्गज राहुल द्रविड़ ने आगे कहा, ‘अगर आप याद करो और इन नामों (सचिन, सौरव, सहवाग, युवराज, रैना) की गेंदबाजी का जिक्र इस दौर में करो तो इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने तब गेंदबाजी शुरु की जब सर्कल में केवल 4 फील्डर होते थे. ऐसी परिस्थिति (सर्कल के अंदर 5 फील्डर) में आप कामचलाऊ गेंदबाज गंवा सकते हो और ऐसा हमारे साथ ही नहीं हुआ बल्कि काफी टीमों ने ऐसा किया. आप ध्यान दो तो अन्य टीमों में भी कामचलाऊ गेंदबाजों की संख्या में कमी आई. ये केवल भारतीय टीम के साथ ही नहीं हुआ है.'