Gujarat vs Kerala: इसे कहते हैं तकदीर! 2 रन, 1 विकेट... फिर 'हेलमेट' ने तोड़ दिया फाइनल का सपना, सबसे रोमांचक मैच
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Gujarat vs Kerala: इसे कहते हैं तकदीर! 2 रन, 1 विकेट... फिर 'हेलमेट' ने तोड़ दिया फाइनल का सपना, सबसे रोमांचक मैच

रणजी ट्रॉफी 2024-25 के सेमीफाइनल में केरल ने पहली पारी में बढ़त के आधार पर फाइनल का टिकट कटा लिया. इस मैच का नतीजा बड़े ही नाटकीय अंदाज में केरल के पक्ष में गया, जिससे यह रणजी ट्रॉफी इतिहास के सबसे रोमांचक मैचों में शामिल गया.

Gujarat vs Kerala: इसे कहते हैं तकदीर! 2 रन, 1 विकेट... फिर 'हेलमेट' ने तोड़ दिया फाइनल का सपना, सबसे रोमांचक मैच

Ranji Trophy 2024-25: रणजी ट्रॉफी 2024-25 की फाइनलिस्ट टीमें सामने आ चुकी हैं. केरल और विदर्भ के बीच इसका खिताबी मुकाबला खेला जाएगा. सेमीफाइनल में विदर्भ की भिड़ंत मुंबई से हुई थी, जबकि केरल की टक्कर गुजरात से हुई. केरल और गुजरात के बीच हुए मुकाबले में रोमांच की सारी हदें तब पारी हो गईं, जब मुकाबला ड्रॉ पर खत्म होने के बाद नाटकीय अंदाज में केरल की फाइनल में एंट्री मार ली. एक हेलमेट ने गुजरात का फाइनल खेलने का सपना तोड़ दिया. इसके साथ ही यह रणजी ट्रॉफी इतिहास के सबसे रोमांचक मुकाबलों में दर्ज हो गया.

पहली बार फाइनल में केरल

केरल ने गुजरात पर पहली पारी में महज दो रन की बढ़त हासिल करके पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई. भारतीय क्रिकेट की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता में डेब्यू करने के 68 साल बाद केरल पहली बार फाइनल में पहुंचा है. अब फाइनल में केरल का सामना विदर्भ से होगा, जिसने दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई को 80 रन से हराया. 

2 रन vs 1 विकेट, फिर हेलमेट पर लगी गेंद और...

गुजरात को अंतिम दिन पहली पारी में बढ़त हासिल करने के लिए सिर्फ 29 रन की दरकार थी और 2016-17 की रणजी ट्रॉफी चैम्पियन टीम ने सुबह सात विकेट पर 429 रन के स्कोर से खेलना शुरू किया. बाएं हाथ के स्पिनर आदित्य सरवटे ने दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया और तीनों विकेट लेकर गुजरात को 174.4 ओवर में 455 रन पर समेट दिया. इस तरह से टीम दो रन से फाइनल में पहुंचने से चूक गई. दरअसल, गुजरात की टीम को पहली पारी के 175वें ओवर में स्कोर बराबर करने के लिए दो रन की जरूरत थी. आखिरी विकेट बचा था. लेकिन फिर बड़ा पल आया. सरवटे की गेंद पर नागवासवाला ने जोरदार शॉट लगाया और गेंद शॉर्ट लेग पर निजार के हेलमेट से टकराकर स्लिप में बेबी के हाथों में चली गई. इसके साथ ही गुजरात की पारी का अंत हो गया. जिस तरह से केरल की टीम फाइनल में पहुंची, इसे उनको तकदीर कहेंगे तो गलत नहीं.

केरल के कोच अमेय खुरसिया की टीम जश्न में डूब गई, जिसने ऐतिहासिक रणजी फाइनल में जगह पक्की कर ली. केरल के लिए सरवटे ने 111 रन देकर और जलज ने 149 रन देकर चार चार विकेट झटके. अपने पहले रणजी फाइनल में जगह पक्की करने के बाद केरल ने दूसरी पारी में आसानी से बल्लेबाजी की और ड्रॉ मुकाबले में दूसरी पारी में 46 ओवर में चार विकेट पर 114 रन बनाए.

चौथे दिन के खेल का रोमांच

मेहमान टीम केवल दूसरी बार सेमीफाइनल में खेल रही थी. उसे जयमीत पटेल (रात के 74 रन पर खेलने उतरे) और सिद्धार्थ देसाई (रात के 24 रन पर खेलने उतरे) के बीच चौथे दिन आठवें विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी से निराशा हाथ लगी थी. केरल को दिन की शुरुआत में तीन विकेट की जरूरत थी और सिर्फ 28 रन का बचाव करना था. केरल ने 1957 में रणजी डेब्यू करने के बाद 2018-19 में आखिरी बार सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. सरवटे की सफलतायें काफी नाटकीय तरीके से मिली जिसमें एक कैच छूटना, एक स्टंपिंग का मुश्किल फैसला और एक सफल डीआरएस समीक्षा शामिल थी जिसने कैच आउट के फैसले को LBW में बदल दिया. 

पहले केरल के कप्तान सचिन बेबी ने क्रीज पर जमे जयमीत का कैच छोड़ दिया तब गुजरात की टीम बढ़त से 23 रन दूर थी. लेकिन जयमीत इसका फायदा नहीं उठा सके और उसी ओवर में 79 (177 गेंद, दो चौके) रन बनाकर आउट हो गए. गेंद उनके बल्ले के बाहरी किनारे को छूकर निकली, मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बेहतरीन स्टंपिंग की और उन्होंने अपना पैर क्रीज के बाहर खींच लिया. कई रिप्ले के बाद अंपायर ने आखिरकार उन्हें आउट करार दिया, क्योंकि जब बेल गिराई गई थी तो उनका पैर लाइन पर पाया गया और केरल की टीम इस विकेट का जश्न मना रही थी. 

गुजरात के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अरजन नागवासवाला ने 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अक्षय चंद्रन की गेंद को कवर बाउंड्री पर पहुंचाया, जिससे टीम बढ़त हासिल करने से महज 14 रन दूर थी. केरल को दिन की दूसरी सफलता तब मिली जब गुजरात 11 रन से पिछड़ रहा था. सरवटे ने सिद्धार्थ देसाई को आउट किया जो 164 गेंद में सिर्फ एक चौके की मदद से 30 रन बनाकर आउट हो गए. देसाई ने कैच आउट के फैसले की समीक्षा की. 'अल्ट्रा एज' में कोई 'स्पाइक' नहीं दिखा लेकिन 'बॉल-ट्रैकिंग' ने पुष्टि की कि गेंद लेग स्टंप पर लगी होगी, जिससे यह फैसला पलटकर LBW आउट हो गया.

नागवासवाला और अंतिम खिलाड़ी प्रियजीतसिंह जडेजा कोशिश कर रहे थे और गुजरात की टीम बढ़त से महज 8 रन दूर थी, तभी केरल ने एक मौका गंवा दिया. जलज सक्सेना ने अपना पांचवां विकेट लगभग ले ही लिया था क्योंकि गेंद नागवासवाला की अंदरूनी किनारे को छू गई, जिससे गुजरात सिर्फ दो रन से पीछे था. 

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