Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या कब है? नोट कर लें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और खास उपाय
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Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या कब है? नोट कर लें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और खास उपाय

Falgun Amavasya 2025 Date: हिंदू धर्म में अमवस्या तिथि बेहद खास मानी गई है. इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, दान और गंगा स्नान करने की परंपरा है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल फाल्गुन अमावस्या कब है, स्नान-दान के लिए शुभ मुहू्र्त और पूजन विधि क्या है और इस दिन क्या करना शुभ रहेगा. 

 

Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या कब है? नोट कर लें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और खास उपाय

Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन मास की अमावस्या पितरों का आशीर्वाद पाने और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए बेहद खास मानी गई है. इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यता है कि जो कोई इस दिन गंगा स्नान-दान करता है उसे दोगुना पुण्य प्राप्त होता है. इसके अलावा पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी यह तिथि बेहद खास मानी जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस बार फाल्गुन मास की अमावस्या कब है, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि क्या है और इस दिन क्या करना शुभ रहेगा.

फाल्गुन अमावस्या 2025 डेट और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 27 फरवरी 2025 को सुबह 8 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 28 फरवरी को सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर होगी.ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या का व्रत और स्नान-दान 27 फरवरी को किया जाएगा. 

फाल्गुन अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 09 मिनट से लेकर 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. जबकि, अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. 

फाल्गुन अमावस्या 2025 पूजन विधि

फाल्गुन अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक कर्म से निवृत हो जाएं. चूंकि, इस दिन गंगा नदी में स्नान का विशेष मत्व है. इसलिए गंगा स्नान जरूर करें. अगर ऐसा करना संभव ना हो तो नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इतना करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. अमावस्या के दिन दान करने भी विशेष पुण्य मिलता है, ऐसे में इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार दान करें. अमावस्या तिथि पितरों को भी समर्पित है, इसलिए इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और दान जरूर करें. 

फाल्गुन अमावस्या पर जरूर करें ये काम

फाल्गुन अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी, जलाशय का कुंड में स्नान करें, साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें.

फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों की की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब या जरूरतमंद इंसान को अन्न, अनाज, कपड़े या खाने-पीने की वस्तुएं दान करें.

अमावस्या के दिन शाम के वक्त पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और अपने पितरों का स्मरण करें. इतना करने के बाद पीपल की 7 बार परिक्रमा करें.

कालसर्प दोष के मुक्ति पाने के लिए भी फाल्गुन मास की अमावस्या खास मानी गई है. ऐसे में इस दिन किसी शिव मंदिर में जाएं और वहां शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, काले तिल  इत्यादि अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.

अमावस्या का दिन शनि देव को भी समर्पित है. ऐसे में इस दिन शनि देव की पूजा करें. इसके अलावा शनि देव को नीले फूल अर्पित करें. इस दिन शन देव को काले तिल, उड़द दाल इत्यादि अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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