Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी पर करें एकादशी माता की आरती, मिलेगा समृद्धि का फल
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Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी पर करें एकादशी माता की आरती, मिलेगा समृद्धि का फल

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी की पूजा के बाद अगर आप चाहते हैं कि घर में समृद्धि बरसे तो उसके लिए हम आपको एक उपाय बता रहे हैं. ऐसा करने पर आपके घर में पैसों की बरसात होने लगेगी.

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी पर करें एकादशी माता की आरती, मिलेगा समृद्धि का फल

Ekadashi Mata ki Aarti: एक साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती है लेकिन अगर किसी साल में अधिक मास हो तो एकादशी की संख्या 26 हो जाती है. सभी एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत ही खास महत्व है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा की जाती है. मान्यता है कि एकादशी व्रत को करने से जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी जी प्रसन्न होते हैं. श्रीहरि और माता लक्ष्मी जब प्रसन्न होते हैं तो भक्तों के ऊपर धन की वर्षा करते हैं. 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान अपने पूजा करने वालों को दीर्घायु और समृद्ध होने का आशीर्वाद देते हैं. उत्पन्ना एकादशी की तिथि से ही कोई भी व्यक्ति एकादशी व्रत करने की शुरुआत करता है. पंचांग के मुताबिक उत्पन्ना एकादशी आज मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा के साथ आरती जरूर करें. यहां हम भक्तों के लिए एकादशी माता की आरती दे रहे हैं तो आईए यहां पढ़ते हैं.

॥ एकादशी माता की आरती ॥

ॐ जय एकादशी, जय एकादशी,जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर,शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी...॥

तेरे नाम गिनाऊं देवी,भक्ति प्रदान करनी।
गण गौरव की देनी माता,शास्त्रों में वरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥

मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी...॥

पौष के कृष्ण पक्ष की, सफला नामक है।
शुक्ल पक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै॥
ॐ जय एकादशी...॥

नाम षटतिला माघ मास में, कृष्ण पक्ष आवै।
शुक्ल पक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै॥
ॐ जय एकादशी...॥

विजया फागुन कृष्ण पक्ष में शुक्ला आमलकी।
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की॥
विष्णु जी भोग को स्वीकार नहीं करते।
ॐ जय एकादशी...॥

चैत्र शुक्ल में नाम कामदा,धन देने वाली।
नाम वरूथिनी कृष्ण पक्ष में, वैसाख माह वाली॥
ॐ जय एकादशी...॥

शुक्ल पक्ष में हो मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्ण पक्षी।
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्ल पक्ष रखी॥
ॐ जय एकादशी...॥

योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्ण पक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्ल पक्ष धरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥

हरि की कृपा
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्ण पक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होयपवित्रा आनन्द से रहिए॥
ॐ जय एकादशी...॥

अजा भाद्रपद कृष्ण पक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्ण पक्ष में, व्रत से भवसागर निकला॥
ॐ जय एकादशी...॥

पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी॥
ॐ जय एकादशी...॥

देवोत्थानी शुक्ल पक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूंविनती पार करो नैया॥
ॐ जय एकादशी...॥

परमा कृष्ण पक्ष में होती, जन मंगल करनी।
शुक्ल मास में होयपद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥

जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै॥
ॐ जय एकादशी...॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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