Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज से जानें क्या व्यक्ति के बुरे कर्म अकाल मृत्यु का कारण बनते हैं, देखें VIDEO
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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज से जानें क्या व्यक्ति के बुरे कर्म अकाल मृत्यु का कारण बनते हैं, देखें VIDEO

Premanand Ji Mahraj On Sudden Death: प्रेमानंद जी महाराज ने हाल ही में एक सत्संग के दौरान व्यक्ति के इस सवाल का जवाब दिया कि क्या अकाल मृत्यु का कारण व्यक्ति के बुरे कर्म है! आइए विस्तार में वीडियो में देखें कि कैसे व्यक्ति के बुरे कर्म उसकी अकाल मृत्यु की बन सकती है वजह!

 

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Premanand Ji Maharaj Video Viral: प्रेमानंद जी महाराज के हाल ही में हुए सत्संग में एक व्यक्ति के द्वारा पूछे गए सवाल पर सभी को दंग कर दिया. जिसमें व्यक्ति ने यह पूछा कि  आज के समय में टेक्नॉलजी और सुविधाओं के बढ़ने से जो युवाओं या व्यक्ति की मृत्यु असमय दुर्घटनाओं से हो जाती है. उसमें मृत्यु व्यक्ति के कर्म खराब होते हैं या फिर कोई और कारण हो सकता है! आइए विस्तार में प्रेमानंद जी महाराज के इस सवाल के जवाब के बारे में जानें.

ऐसे अपराध पर खुद ही बुद्धि हो जाती है भ्रष्ट

प्रेमानंद जी ने इस सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि अकाल मृत्यु तो तब होती है जब कोई मेहत अपराध बन जाता है. जिनमे बच्चियों को कुड़ेदान में फेंक दिया, नवजात शिशु की हत्या कर दी गई, भ्रुण हत्या कर दी गई, गर्भ हत्या कर दी गइ अब वो गृहस्थ इसको पाप नहीं मान रहे हैं क्या! अब वो उनकी आयु का अपहरण कर देगा, अबोध बालकी की हत्या, किसी सोते हुई पुरूष की हत्या, गुरू जनों का किसी तरह से अपमान और अवहेलना या किसी अबला को मारना आदि सभी चीजें महत अपराधों में आते हैं.

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पाप व्यक्ति को भोगने पर करता है मजबूर

प्रेमानंद जी ने उदाहरण देते हुए बताया कि अब अचानक घटना घटेगी जैसे कार का एक्सीडेंट हुआ कार में आग लग गई और उसमें मौजूद सभी लोग जल गए. भागवत प्रेम महात्माओं को नहीं जानते जो वृंदावन में आए और संतों को भिक्षु समझ बैठे और उनका अपमान कर दिया. कई ऐसे पाप हो जाते हैं जो हमारी आयु का तत्काल नाश कर देते हैं और अकाल मृत्यु हो जाती है. ये पाप क्या आपको भोगने नहीं पड़ेंगे और ये भोगाएंगे आपको.

अकाल मृत्यु कर्म का ही है परिणाम

प्रेमानंद जी ने आगे बताया कि जो समय से मृत्यु का है वो तुम्हारे कर्म के ही परिणाम से है ही. लेकिन जो अकाल मृत्यु है वो भी कर्म के ही परणिम से है. वर्तमान के कर्म अकाल के मृत्यु के कारण बनते हैं. पुरुष ये निश्चित है कि 20 वर्ष  की उम्र में सांप काटेगा, जल में डूब जाएंगे तो वह पूर्ण मृत्यु हो सकती है.

 

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बुद्धि को भ्रष्ट कर देता अकाल मृत्यु का कारण

प्रेमानंद जी ने कहा कि एक यह है कि अकाल मृत्यु में व्यक्ति की खुद की बुद्धि उसके सर्वनाश कारण बन जाती है. जैसे खुद की बुद्धि ऐसी हो जाएगी कि खुद तुम जहर खा लोग, खुद कुद कर जान दे दोगे, खुद की बुद्धि ऐसी हो जाएगी कि किसी वाहन के नीचे आ जाओगे. खुद की बुद्धि तुमसे खुद ऐसा काम करने लगेगी. ऐसी घटना तत्काल घटेगी तुम्हारा शरीर तत्काल ही नाश हो जाएगा. इसलिए हम वो आचरण करें जिससे हमारा जीवन सुखमय रहे. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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