Lord Vishnu aur Maa Laxmi Katha: आज हम आपको एक ऐसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जब भगवान विष्णु को मां लक्ष्मी ने रुला दिया था और मां लक्ष्मी को एक माली के घर काम करना पड़ा था. आइए जानते हैं.
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Laxmi Ji Pauranik Katha: शुक्रवार के दिन धन की देवी यानी मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और आर्थिक समस्याओं को नहीं झेलना पड़ता है. हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. दोनों देवी-देवता की कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. आज हम आपको एक ऐसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जब भगवान विष्णु को मां लक्ष्मी ने रुला दिया था और मां लक्ष्मी को एक माली के घर काम करना पड़ा था. आइए जानते हैं.
जब भगवान विष्णु ने रखी शर्त
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु एक बार धरती पर भ्रमण पर जा रहे थे. उस समय मां लक्ष्मी ने भी भगवान विष्णु के साथ जाने को कहा. विष्णु जी ने कहा कि वह साथ तो चल सकती हैं लेकिन एक शर्त पर. उनकी शर्त थी कि धरती पर जब भ्रमण के लिए जाएं तो उनको उत्तर दिशा में नहीं देखना है चाहे कैसी भी स्थिति क्यों ने प्रकट हो जाए. मां लक्ष्मी ने विष्णु जी की इस शर्त को स्वीकार कर लिया और साथ चल पड़ीं.
क्यों रोने लगे थे भगवान विष्णु?
जब श्री हरि और मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण पर आए तो लक्ष्मी जी की नजरें उत्तर दिशा की तरफ गई. उत्तर दिशा में हरियाली और मन मोह लेने वाले बगीचे थे. वहां कि सुंदरता को देखते हुए मां लक्ष्मी बगीचे की ओर चलीं गईं और एक फूल तोड़ लिया और विष्णु के पास वापस आ गईं. ये देखकर भगवान विष्णु रो पड़े. इसके बाद मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु की शर्त याद आई, जिससे उन्हें गलती का एहसास हुआ. भगवान विष्णु ने कहा कि किसी ने बिना पूछे उसकी चीज को इस्तेमाल करना या छूना एक अपराध है.
मां लक्ष्मी को हुआ गलती का एहसास
मां लक्ष्मी को अपनी गलती का एहसास हुआ और भगवान विष्णु से माफी मांगी. विष्णु जी ने कहा कि इस गलती की माफी तो बगीचे का माली ही दे सकता है. इसके आगे उन्होंने कहा कि मां लक्ष्मी को माली के घर का दासी बनकर रहना होगा. श्री हरि जी की बात सुनकर लक्ष्मी ने गरीब स्त्री का रूप धारण कर लिया और माली के घर चली गई.
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मां लक्ष्मी ने दिया माली को वरदान
माली ने गरीब स्त्री समझकर अपने घर पर रख लिया और खेत में खूब काम करवाया. कुछ समय बाद जब माली को एहसाल हुआ कि ये कोई गरीब स्त्री नहीं बल्कि मां लक्ष्मी हैं तो उसे पछतावा हुआ और रोने लगा. उसने मां लक्ष्मी से माफी मांगी. इस पर धन की देवी ने कहा कि जो भी हुआ वो नियति थी, इसमें उसका कोई दोष नहीं है. लेकिन जो व्यवहार माली ने लक्ष्मी जी के साथ किया उससे बहुत प्रसन्न हुईं और जीवनभर सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहने का वरदान दे दिया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)