Paush Amavasya 2024: पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए इस महीने की 30 तारीख को खास संयोग बनने जा रहा है. ऐस में इस दिन कुछ खास और प्रभावशाली उपाय करने से पितृ दोष राहत मिल सकती है.
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Paush Amavasya 2024 Pitra Dosh Upay: सनातन धर्म शास्त्रों में पितृ दोष को बहुत अशुभ परिणाम देने वाला बताया गया है. पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को लाख कोशिश करने के बाद भी अनुकूल सफलता और तरक्की नहीं मिलती है. शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि पितृ दोष से पीड़ित जातक अपने जीवन में कदम-कदम पर ठोकर खाता रहता है. उसके जीवन में ना तो अनुकूल तरक्की मिलती है और नहीं आर्थिक तरक्की और मानसिक शांति. ऐसा में अगर पितृ दोष के लक्षण नजर आए तो तुरंत उसका समाधन करना चाहिए, नहीं तो यह पीढ़ी दर पीढ़ी पीछा करता है. पितृ दोष से राहत पाने के लिए इस महीने की 30 तारीख को शुभ संयोग बनने जा रहा है. दरअसल, इस दिन सोमवती यानी दर्श अमावस्या विशेष संयोग बनेगा. पितृ दोष की शांति के लिए कौन-कौन सा उपाय करना सही रहेगा, आइए जानते हैं.
पौष अमावस्या पर पितृ दोष के उपाय
पौष अमावस्या यानी दर्श अमावस्या के दिन पितृ दोष के छुटकारा पाने के लिए उपाय किए जा सकते हैं. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें और पितरों के निमित्त तर्पण करें.
दर्श अमावस्या के दिन जरूरतमंद या ब्राह्मणों को भोजन कराएं या उन्हें भोजन की सामग्री भेंट करें.
पौष अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करें. साथ ही उसके नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं.
दर्श अमावस्या के दिन कौए, चींटी, गाय और कुत्तों को भोजन कराएं.
दर्श अमावस्या के दिन गंगा घाट हरिद्वार, काशी इत्यादि तीर्थ स्थलों पर पितरों के निमित्त पिंडदान करें. पितृ दोष को कम करने के लिए यह उपाय भी सहायक माना गया है.
माघ अमावस्या के दिन राहुकाल में भगवान शिव की पूजा करें. इस दिन शिव जी को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक भी किया जा सकता है.
पितृ दोष के निवारण के लिए माघ अमावस्या के दिन श्रीमद् भगवद् गीता का पाठ करना भी शुभ फलदायी माना गया है.
कब है पौष की सोमवती अमावस्या?
पंचांग के अनुसार, 30 दिसंबर को इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या पड़ रही है. अमावस्या तिथि की शुरुआत 30 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 1 मिनट से होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 31 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 56 मिनट पर होगी.
स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त
पौष अमावस्या के दिन स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 57 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक है. इस दौरान स्नान और दान किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)