Shri Yantra Puja Vidhi: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मां लक्ष्मी का यह रत्न घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है. इसके साथ ही इस यंत्र के प्रभाव से घर में सुख-शांति बनी रहती है.
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Shri Yantra Puja Vidhi: हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख-समृद्धि और धन प्राप्त करना चाहता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर में श्रीयंत्र स्थापित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह यंत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर में सुख-शांति बनाए रखता है. अगर घर की ऊर्जा सकारात्मक होगी, तो जीवन में खुशहाली अपने आप आएगी. हालांकि, श्रीयंत्र की स्थापना से पहले कुछ जरूरी नियमों का पालन करना आवश्यक है. आइए जानते हैं श्रीयंत्र की स्थापना विधि और इससे जुड़े खास नियम क्या हैं.
श्रीयंत्र क्या है?
श्रीयंत्र एक विशेष ज्यामितीय आकृति होती है, जो त्रिभुज और वृत्तों से बनी होती है. इसे माता लक्ष्मी और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. श्रीयंत्र को घर में रखने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. यदि आपको धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है या लगातार आर्थिक समस्याएं बनी हुई हैं, तो घर में श्रीयंत्र स्थापित करना अत्यंत लाभकारी रहेगा.
श्रीयंत्र की स्थापना कहां करें?
श्रीयंत्र की स्थापना के लिए पूजा घर सबसे उपयुक्त स्थान माना जाता है. इसके अलावा, इसे तिजोरी या धन रखने के स्थान पर भी स्थापित किया जा सकता है. अगर तिजोरी के पास श्रीयंत्र स्थापित कर रहे हैं, तो इस स्थान को हमेशा साफ रखें. गंदगी और धूल-मिट्टी से दूर रखना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा इसका प्रभाव कम हो सकता है.
श्रीयंत्र की स्थापना का शुभ दिन
श्रीयंत्र की स्थापना के लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है. शुक्रवार को माता लक्ष्मी का दिन होता है और साथ ही यह धन, वैभव और ऐश्वर्य के कारक ग्रह शुक्र से भी जुड़ा है. इसलिए, धन-संपत्ति और समृद्धि के लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए यह दिन विशेष फलदायी होता है.
श्रीयंत्र स्थापना विधि
शुद्धिकरण करें – सबसे पहले श्रीयंत्र को कच्चे दूध से धोएं और फिर गंगाजल से पवित्र करें.
मंत्र जाप करें – श्रीयंत्र स्थापित करते समय "ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जाप करें. यह मंत्र माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है.
पूजन करें – श्रीयंत्र के समक्ष दीपक जलाएं और ताजे फूल व अक्षत (चावल) अर्पित करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)