Right Direction of Kitchen: किस दिशा में होनी चाहिए घर की रसोई, जिससे कभी न लगे वास्तु दोष? जानें लें सही Direction
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Right Direction of Kitchen: किस दिशा में होनी चाहिए घर की रसोई, जिससे कभी न लगे वास्तु दोष? जानें लें सही Direction

Right Direction of Kitchen (ज्योतिष शास्त्री नरेंद्र जुनिजा): क्या आप जानते हैं कि घर की सुख-समृद्धि और तरक्की में घर की रसोई की दिशा अहम भूमिका अदा करती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि हम गलत दिशा में रसोई बना लेते हैं तो इसका खामियाजा जिंदगीभर परिवार को भुगतना पड़ता है. 

Right Direction of Kitchen: किस दिशा में होनी चाहिए घर की रसोई, जिससे कभी न लगे वास्तु दोष? जानें लें सही Direction

How to Remove Vastu Dosh: वास्तु शास्त्र भारत की प्राचीन परंपरा और वास्तु कला का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य घर या कार्यालय में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन बनाना है. कई बार घर में वास्तु दोष होने के कारण नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे जीवन में समस्याएं बढ़ सकती हैं. वास्तु दोष का मतलब है घर में ऐसे निर्माण या व्यवस्थाएं जो ऊर्जा के सही प्रवाह में बाधा डालती हैं. लेकिन चिंता की बात नहीं है, क्योंकि कुछ सरल उपायों के जरिए इन दोषों को दूर किया जा सकता है.

इस लेख में हम वास्तु दोष के कारण, इसके प्रभाव और घर में संतुलन लाने के आसान उपायों पर चर्चा करेंगे.

वास्तु दोष के मुख्य कारण

वास्तु दोष मुख्य रूप से तब उत्पन्न होते हैं जब घर का निर्माण या व्यवस्था वास्तु शास्त्र के नियमों के विपरीत होती है. इसके कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

1. मुख्य द्वार का गलत दिशा में होना: मुख्य द्वार घर में ऊर्जा के प्रवेश का मुख्य स्थान होता है. यदि यह गलत दिशा में हो, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है.

2. रसोई का गलत स्थान पर होना: रसोई का स्थान अग्नि तत्व से जुड़ा होता है. यदि यह गलत दिशा में हो, तो घर में असंतुलन पैदा हो सकता है.

3. बाथरूम और शौचालय का स्थान: बाथरूम और शौचालय का सही दिशा में न होना भी वास्तु दोष का बड़ा कारण है.

4. प्लॉट या घर का असंतुलित आकार: अर्द्धचंद्राकार, त्रिकोणीय या असमान आकार के प्लॉट में बने घरों में वास्तु दोष की संभावना अधिक होती है.

5. घर में टूटी-फूटी वस्तुएं: घर में रखी टूटी हुई वस्तुएं, जैसे फर्नीचर या शीशे, नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं.

वास्तु दोष के प्रभाव

वास्तु दोष घर के सदस्यों के मानसिक, शारीरिक और आर्थिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं. इसके कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:

● घर में तनाव और झगड़े बढ़ जाते हैं.

● स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं.

● आर्थिक नुकसान या धन की कमी महसूस होती है.

● करियर और शिक्षा में बाधाएं आती हैं.

● रिश्तों में असामंजस्य और कड़वाहट बढ़ती है.

घर में संतुलन लाने के आसान उपाय

अगर आपके घर में वास्तु दोष है, तो आप इसे दूर करने के लिए निम्नलिखित आसान उपायों का पालन कर सकते हैं:

1. मुख्य द्वार की दिशा सुधारें

मुख्य द्वार का सही दिशा में होना बेहद महत्वपूर्ण है. उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व दिशा में मुख्य द्वार होना सबसे शुभ माना जाता है. यदि मुख्य द्वार गलत दिशा में है, तो उसके ऊपर पिरामिड या स्वस्तिक का प्रतीक लगाएं.

2. रसोई की सही व्यवस्था करें

रसोई घर के अग्नि तत्व का प्रतीक होती है, इसलिए इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए. यदि यह दिशा में नहीं है, तो आप गैस स्टोव को दक्षिण-पूर्व कोने में स्थानांतरित करें और वहां रोजाना दीपक जलाएं.

3. बाथरूम और शौचालय का समाधान

बाथरूम और शौचालय को हमेशा उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. अगर यह गलत दिशा में है, तो वहां नींबू रखें या समतुलन के लिए नमक के कटोरे का उपयोग करें.

4. घर की सफाई पर ध्यान दें

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है. घर में गंदगी और अनावश्यक सामान रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. खासतौर पर टूटे हुए दर्पण, बेकार इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फटी हुई किताबें तुरंत हटा दें.

5. पौधों का प्रयोग करें

घर में हरे-भरे पौधे सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं. तुलसी, मनी प्लांट और बांस के पौधे वास्तु दोष को दूर करने में मदद करते हैं. इन्हें घर के उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं.

6. ध्यान और मंत्र का जाप करें

घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए ध्यान और मंत्रों का जाप करें. 'ओम' मंत्र का नियमित उच्चारण पूरे घर में सकारात्मकता फैलाता है.

7. पानी की व्यवस्था सही करें

घर में पानी का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए. यदि पानी की टंकी या नल गलत दिशा में हैं, तो वहां एक नीला पर्दा लगाएं.

8. पिरामिड का उपयोग करें

पिरामिड वास्तु दोष को संतुलित करने का एक प्रभावी उपाय है. इसे घर के उन हिस्सों में रखें जहां वास्तु दोष हो. यह ऊर्जा का प्रवाह सुधारता है.

9. दीवारों का रंग सही करें

घर की दीवारों के रंग का वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व है. हल्के रंग, जैसे सफेद, हल्का नीला या हरा, सकारात्मकता लाते हैं. गहरे और चटक रंगों से बचें.

10. धातुओं का प्रयोग करें

वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर में धातु से बनी चीजें रखें, जैसे पीतल के बर्तन या तांबे की वस्तुएं. ये ऊर्जा को संतुलित करती हैं.

वास्तु दोष को दूर करने के लिए पूजाएं और यज्ञ

वास्तु दोष को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए विशेष पूजाओं और यज्ञ का आयोजन एक प्रभावी उपाय है. इनमें वास्तु दोष निवारण पूजा, ग्रह शांति यज्ञ, और हवन शामिल होते हैं. इन पूजाओं और यज्ञों के माध्यम से घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता है.

● वास्तु दोष निवारण पूजा: इस पूजा में घर के दोषपूर्ण हिस्सों की शुद्धि के लिए मंत्रों और अनुष्ठानों का उपयोग किया जाता है.

● ग्रह शांति यज्ञ: यह यज्ञ नवग्रहों के दोषों को शांत करने के लिए किया जाता है, जो घर में अशांति और बाधाओं का कारण बन सकते हैं.

● हवन: हवन अग्नि और मंत्रों के माध्यम से वातावरण को शुद्ध करता है और सकारात्मकता बढ़ाता है. इन पूजा-अनुष्ठानों को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए किसी योग्य पुरोहित की मदद लेना आवश्यक है.

वास्तु विशेषज्ञ की सलाह लें

यदि आपके घर में गंभीर वास्तु दोष हैं, तो किसी अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श लें.

● विशेषज्ञ आपके घर का गहराई से निरीक्षण करते हैं और दोषपूर्ण स्थानों की पहचान करके उनके लिए उपयुक्त समाधान सुझाते हैं.

● वे घर के नक्शे और दिशाओं का विश्लेषण करके वास्तु दोषों को दूर करने के लिए उपचारात्मक उपाय भी बताते हैं, जैसे कि विशेष रंगों का उपयोग, सही दिशाओं में फर्नीचर का स्थानांतरण, और पूजाओं का आयोजन.

● कई मामलों में, विशेषज्ञ वास्तु प्रतीक जैसे पिरामिड, यंत्र या क्रिस्टल का उपयोग करने की सलाह देते हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक होते हैं.

वास्तु दोष हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं, लेकिन सही उपायों और सकारात्मक दृष्टिकोण से इनका समाधान पूरी तरह संभव है.

● छोटे-छोटे बदलावों जैसे घर की सफाई, सही दिशा में वस्तुओं की व्यवस्था, और रंगों का समुचित उपयोग से आप नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकते हैं.

● यदि दोष गंभीर हैं, तो वास्तु पूजा और यज्ञ के माध्यम से समाधान प्राप्त किया जा सकता है.

● याद रखें कि वास्तु शास्त्र केवल दोषों को दूर करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य आपके घर को सुख, शांति और समृद्धि का केंद्र बनाना है.

आपके घर का हर कोना सकारात्मक ऊर्जा से भरा हो, हर दिशा में सुख और समृद्धि का वास हो, और आपका परिवार शांति और स्वास्थ्य का अनुभव करे—यही वास्तु शास्त्र का मूल उद्देश्य है. इस ज्ञान को अपने जीवन में अपनाकर एक संतुलित और आनंदमय जीवन जीना संभव है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

 

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