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Year Ender 2023: कैसे हमास के हमले ने खत्म कर दी इजराइल-फिलिस्तीन विवाद पर विराम की उम्मीद?

Israel Hamas War: साल 2023 खत्म होने ही वाल है. इस साल की सबसे बड़ी मुसीबत लोगों के लिए इजराइल-फिलिस्तीन जंग (Isreal-Palestine War) रही. जो अब भी जारी है. इस युद्ध में अब तक 21 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. हालांकि, इजरायल के पलटवार में ज्यादा लोग फिलिस्तीन के ही मारे गए हैं. हमास की तरफ से शुरू हुई इस जंग ने इजरायल-फिलिस्तीन विवाद के खत्म होने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. आखिरी बार 30 साल पहले इजरायल और फिलिस्तीन सबसे नजदीक आए थे. 1993 में जब ओस्लो समझौता हुआ था. जिसका मकसद शांति स्थापित करना और वेस्ट बैंक में फिलिस्तिनी के स्वशासन का विस्तार करना था. हालांकि, मिडिल ईस्ट में इस साल ये घटना कब क्यों कैसे हो गई, आइए इसके बारे में समझ लेते हैं.

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बता दें कि ओस्लो समझौते के 30 साल के बाद, हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला कर दिया था. हमास ने 15-20 मिनट के अंदर इजरायल पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दाग दिए थे. इसमें 1 हजार से ज्यादा इजरायली नागरिक मार गिराए गए थे. बॉर्डर पर फेंसिंग तोड़कर सैकड़ों आतंकी इजरायल में घुस गए थे. आतंकियों ने इजरायल में नरसंहार किया. महिलाओं से रेप किया. परिवार के परिवार जिंदा जला दिए. इसके बाद आतंकी सैकड़ों इजरायलियों को अपने साथ बंधक बनाकर गाजा में उठा ले गए थे.

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हमले के बाद इजरायल आगबबूला हो गया था. नेतन्याहू ने हमले के कुछ ही घंटों बाद कह दिया था कि हम और हमारा देश युद्ध में हैं. इसमें हमें ढकेला गया है. इसका अंत हम करेंगे और गाजा में जमीन को समतल कर देंगे. इसके बाद इजरायल ने गाजा पर भीषण एयर स्ट्राइक शुरू की और हमास के ठिकानों मटियामेट करना शुरू कर दिया. इजरायल ने चुन-चुनकर हमास के ठिकानों को निशाना बनाया. हालांकि, उसके हमलों में गाजा के आम नागरिकों के मारे जान के भी आरोप लगा. और दुनियाभर में इजरायल से हमले रोकने की मांग उठने लगी. लेकिन इजरायल नहीं रुका और कुछ हफ्तों बाद गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन भी शुरू किया.

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वैसे 7 अक्टूबर का हमास का हमला इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए बहुत बड़ा झटका था. दुनियाभर में सवाल उठे कि बड़े-बड़े दावे करने वाली मोसाद कैसे हमास के इतने भीषण हमले का पता नहीं लगा पाई. हमास के हमले की एक और खासियत ये भी थी कि जिस आयरन डोम पर इजरायल को खूब भरोसा था कि वह उसे मिसाइलों से होने वाले हमलों से बचा लेगा. हमास ने उसे फेल कर दिया. हमास ने एक साथ इतने रॉकेट मारे कि आयरन डोम सभी मिसाइलों को इंटरसेप्ट नहीं कर पाया और जब मिसाइलें इजरायल के रिहायशी इलाकों में गिरीं तो मौत का तांडव देखने को मिला.

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भारत समेत कई देशों ने इजरायल पर हमास के हमले की निंदा की थी और इजराइल को पूर्ण समर्थन देने की बात कही थी. दोनों तरफ से एक-दूसरे पर किए जा रहे हमलों से लगातार स्थिति बिगड़ती रही. इस बीच, लेबनान में हूती और यमन में हूती विद्रोहियों ने भी इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जिसकी वजह से इजरायल को अभी भी कई फ्रंट पर लड़ना पड़ रहा है. हालांकि, इस दौरान गाजा में मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा और 20 हजार को पार कर गया.

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इन सबके बीच, दिसंबर में कतर की मध्यस्थता से इजरायल और हमास के बीच टेंपरेरी सीजफायर हुआ और इस दौरान फिलिस्तीनी कैदी देकर इजरायल ने अपने 100 से ज्यादा बंधक छुड़ा लिए. हमास ने जो बंधक छोड़े, उसमें अधिकतर बच्चे और महिलाएं थीं. हालांकि, हमास के कब्जे से सभी लोग नहीं छूट पाए. हमास का दावा है कि अभी भी 100 से ज्यादा इजरायली बंधक उसके कब्जे में हैं. वह इजरायल पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, इजरायल की तरफ से हमले जारी हैं. ऐसे में हमास की हरकतों की वजह से इजरायल-फिलिस्तीन काफी कड़वाहट आ चुकी है. जिसे मिटाने में शायद कई दशक अब और लग जाएंगे.

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