Budget 2025 Interesting Facts: 1 फरवरी को वित्त मंत्री देश का आम बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री 2025-26 के लिए बजट पेश किया जाएगा. बजट को लेकर सबकी अपनी-अपनी उम्मीदें हैं. नौकरीपेशा वर्ग को इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद है तो उद्योगजगत को बंपर ऐलानों का इंतजार है. आने वाले बजट से पहले आज बात अतीत में पेश किए गए उन बजटों की, जो अपनी नाम की वजह से चर्चा में रहे.
28 फरवरी 1986 को तत्कालीन वित्त मंत्री वी.पी. सिंह ने बजट पेश किया. इस बजट में कई बड़े फैसले लिए गए. सरकार ने सख्त फैसला लेते हुए लाइसेंस राज को खत्म करने का फैसला किया. इस बजट को ‘गाजर और छड़ी’ वाला बजट का नाम दिया गया
भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री वीपी सिंह ने देश में लाइसेंस राज को भी समाप्त करने का फैसला किया. इस बजट में एक महत्वपूर्ण पहलू था. Modified Value Added Tax को भी इंट्रोड्यूस किया गया.
‘गाजर और छड़ी’यानी 'Carrot and Stick' दरअसल एक मुहावरा है. जिसमें कैरेट का मतलब मिठास या ईनाम और स्टिक का मतलब दंड के तौर पर देखा गया है. चूंकि इस बजट में लाइसेंस राज खत्म कर सरकार ने लोगों को राहत दी थी तो वहीं व्यापारों के लिए नई टैक्स सिस्टम लागू कर सख्त फैसला भी लिया था.
1973-74 में देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था. इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार के सामने चुनौतियां थी. उस वक्त देश के वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने घाटे का बजट पेश किया था. देश की अर्थव्यवस्था संकट को देखते हुए सरकार ने घाटे का बजट पेश किया, जिसे ब्लैक बजट का नाम दिया गया.
वित्त मंत्री 1997-98 के बजट को ड्रीम बजट का नाम दिया गया. तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ओर से पेश किए गए बजट में व्यक्तिगत टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स को बहुत हद तक घटा दिया गया था, जिसकी वजह से इसे ये नाम दिया गया.
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