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काजी के सामने अगर लड़की कर दे मना तो क्या फिर भी हो सकता है निकाह?

Islamic Nikah: इस्लाम में शादी यूं तो बहुत छोटा अमल है लेकिन इसकी कुछ शर्तें होती हैं. मुसलमानों में शादी करने के लिए निकाह सबसे जरूरी चीज है. निकाह के बगैर लड़का और लड़की एक दूसरे के पति-पत्नी नहीं कहला सकते. हालांकि निकाह को लेकर बहुत कम जानकारी आज के दौर में है. तो चलिए हम आपको निकाह से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं.

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निकाह करने के लिए सबसे पहले एक मुस्लिम लड़का और मुस्लिम लड़की का होना जरूरी है. साथ ही निकाह पढ़ाने के लिए किसी आलिम या काजी का होना जरूरी नहीं है, क्योंकि कोई भी शख्स निकाह पढ़ा सकता है. बस उसे निकाह पढ़ाना आना चाहिए. 

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निकाह के लिए लड़का और लड़की का राजी होना जरूरी है. साथ ही निकाह पढ़ाने वाले शख्स भी गवाह (जो गवाही दे सकें कि दोनों निकाह के लिए तैयार हैं) से पूछे कि क्या लड़का-लड़की निकाह के लिए तैयार हैं. 

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या इसके अलावा अगर निकाह पढ़ाने वाले शख्स के सामने लड़का-लड़की कहें कि वो दोनों शादी के लिए तैयार हैं. तभी निकाह हो सकता है.

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हालांकि कुछ लोगों के ज़हन में सवाल आता है कि अगर लड़की निकाह के समय इनकार कर दे तो क्या निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा? तो इसका जवाब है नहीं.

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हमने एक इस्लामिक वेबसाइट से जानकारी हासिल की. जिसमें कहा गया कि अगर लड़की निकाह के समय शादी करने से इनकार कर दे तो फिर निकाह नहीं पढ़ाया जा सकता. 

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कहा यह भी गया है कि अगर लड़की ने मंगनी अपनी मर्जी से की थी और फिर निकाह के समय इनकार कर देती है तो बेशक निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा लेकिन वो वादे को तोड़ने को बदले गुनहगार होगी.

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