Advertisement
trendingPhotos2602199
photoDetails1hindi

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में भूलकर भी ना करें ये 5 काम, पुण्य के बजाए बनेंगे पाप के भागी

Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ मेला 13 जनवरी से प्रारंभ होकर 26 फरवरी तक चलेगा. इस अद्भुत आध्यात्मिक मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होने पहुंचे हैं. महाकुंभ अध्यात्म, स्नान, दान और पुण्य से जुड़ा एक महोत्सव है. इसमें शामिल होने वालों के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है ताकि महाकुंभ का उद्देश्य सफल हो और किसी प्रकार का अपवित्रता या अशुभ कर्म न हो. अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते, तो पुण्य के बजाय पाप के भागी बन सकते हैं. आइए जानते हैं, महाकुंभ में शामिल होने वालों को किन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए.

महाकुंभ की पवित्रता बनाए रखें

1/5
महाकुंभ की पवित्रता बनाए रखें

महाकुंभ मेला एक पवित्र आध्यात्मिक स्थल है. यहां आने वाले हर व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका आचरण और व्यवहार इस पवित्रता को किसी भी प्रकार से खंडित न करे. यह मेला सांसारिक बंधनों से मुक्ति और ईश्वर के सामिप्य का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है. इसलिए ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे मेले की गरिमा को ठेस पहुंचे.

आत्मसंयम और मन की पवित्रता

2/5
आत्मसंयम और मन की पवित्रता

महाकुंभ में शामिल होने के लिए आत्मसंयम और मन की पवित्रता आवश्यक है. अपने मन को नकारात्मक विचारों, जैसे- द्वेष, घृणा, लोभ, झूठ और अपशब्दों से मुक्त रखें. मन में शांति और सकारात्मकता बनाए रखें. ऐसा करने से ही आप इस पवित्र आयोजन का पूर्ण लाभ प्राप्त कर पाएंगे.

दूसरों को धन हानि न पहुंचाएं

3/5
दूसरों को धन हानि न पहुंचाएं

महाकुंभ में किसी भी प्रकार की गतिविधि से दूसरों को धन हानि न होने दें। कुंभ मेले में आपकी सहूलियत के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं. इनका सम्मान करें और अपनी क्षमता अनुसार दान-पुण्य करें. कुंभ मेला केवल स्वयं के लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज के कल्याण और सेवा का भी प्रतीक है.

तामसिक चीजों से परहेज करें

4/5
तामसिक चीजों से परहेज करें

महाकुंभ के दौरान सात्विक भोजन का ही सेवन करें. तामसिक पदार्थ जैसे-लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन वर्जित है. मेले की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह अनिवार्य है. साथ ही, मेला क्षेत्र में इन पदार्थों का सेवन न करें और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें.

स्नान के दौरान सावधानी बरतें

5/5
स्नान के दौरान सावधानी बरतें

गंगा नदी को मोक्षदायिनी और सबसे पवित्र माना गया है. गंगा स्नान करते समय उसकी शुद्धता बनाए रखें. साबुन, शैंपू, डिटर्जेंट का उपयोग न करें. नदी में कपड़े न धोएं और न ही कोई वस्तु फेकें. खुले स्थानों पर शौच या पेशाब करने से बचें. गंगा को स्वच्छ और पवित्र रखना हर श्रद्धालु का कर्तव्य है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

ट्रेन्डिंग फोटोज़