International Space Station Facts: भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी बार-बार टल रही है. सुनीता और उनके सहयोगी बुच विल्मोर, 5 जून से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर हैं. उन्हें 13 जून को वापस लौट आना था मगर बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने अभी दोनों एस्ट्रोनॉट्स की वापसी की अगली तारीख नहीं बताई है. ISS यानी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, बाहरी अंतरिक्ष में मौजूद दूसरे घर जैसा है. यह छह बेडरूम वाले घर से भी बड़ा है. इसमें दो बाथरूम, एक जिम और अंतरिक्ष को निहारने के लिए 360-डिग्री वाली विंडो भी है. यह इंजीनियरिंग और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का शानदार उदाहरण है. ISS अंतरिक्ष में इंसानों की किसी चौकी जैसा है जहां एस्ट्रोनॉट्स हमेशा तैनात रहते हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़े 10 रोचक तथ्य आगे जानिए. (All Photos : NASA)
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को बनाने में पांच देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों का योगदान है. ISS की असेंबली में NASA के अलावा Roscosmos (रूस), यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) और कनाडाई स्पेस एजेंसी (CSA) शामिल रहीं. यह अभी तक का सबसे बड़ा स्पेस स्टेशन है.
ISS का पहला हिस्सा 20 नवंबर, 1998 को लॉन्च किया गया था. इसे कक्षा में पहुंचे हुए 25 साल और 7 महीने हो चुके हैं. नवंबर, 2000 के बाद से यहां पर लगातार एस्ट्रोनॉट्स की तैनाती रही है.
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, पृथ्वी की सतह से लगभग 400 किमी (250 मील) से 420 किमी (260 मील) ऊपर निचली कक्षा में है. कक्षीय क्षय के कारण इसे साल में कुछ बार री-बूस्टिंग की जरूरत पड़ती है.
स्पेस स्टेशन की कुल लंबाई 109 मीटर है. सौर ऊर्जा से चलने वाले ISS के पंखों का फैलाव दुनिया के सबसे बड़े यात्री विमान, एयरबस ए380 (262 फीट, 80 मीटर) से भी अधिक है.
ISS पांच मील प्रति सेकंड (28,165 किलोमीटर प्रति घंटा) की गति से धरती की परिक्रमा करता है. 24 घंटों में स्पेस स्टेशन पृथ्वी की 16 परिक्रमाएं करता है.
अंतरिक्ष स्टेशन लगभग एक दिन में चंद्रमा तक जाने और वापस आने के बराबर दूरी तय करता है.
किसी भी समय अंतरिक्ष स्टेशन पर सात लोगों का क्रू मौजूद रहता है. कभी-कभी क्रू हैंडओवर के दौरान, ISS पर एस्ट्रोनॉट्स की संख्या बढ़ जाती है.
ISS में रहने और काम करने की जगह छह बेडरूम वाले घर से भी बड़ी है. इसमें सोने के लिए छह क्वार्टर्स, दो बाथरूम, एक जिम और एक 360 डिग्री व्यू वाली खिड़की है.
NASA के अनुसार, एस्ट्रोनॉट्स और कॉस्मोनॉट्स नियमित तौर पर स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चहलकदमी) करते हैं. इस दौरान वे स्टेशन पर कंस्ट्रक्शन, मेंटेनेंस और अपग्रेड के काम को अंजाम देते हैं.
ISS से एक साथ आठ अंतरिक्ष यान जुड़ सकते हैं. पृथ्वी से लॉन्च किए जाने के चार घंटों के भीतर स्पेसक्राफट, स्पेस स्टेशन तक पहुंच सकता है.
अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम को आठ मील लंबे तार से जोड़ा गया है. स्टेशन के बाहर एक साथ 20 से अधिक अलग-अलग रिसर्च पेलोड रखे जा सकते हैं. ISS पर लगा सॉफ्टवेयर करीब 3.50 लाख सेंसर्स को मॉनिटर करता है. 50 से अधिक कंप्यूटर स्टेशन के सिस्टम्स को कंट्रोल करते हैं.
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