First Villain of Bollywood: भारतीय फिल्मों के पहले विलेन के बारे में जानते हैं. वो हीरो जिन्हें बचपन से ही नेगेटिव रोल करने में रुचि थी. वो हीरो जिसने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया तो देश के लिए मरने-मिटने को भी तैयार था. चलिए बताते हैं हीरालाल ठाकुर की कहानी.
भारतीय फिल्मों का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. दादासाहेब फाल्के की 'राजा हरिश्चंद्र' फिल्म के साथ ही भारतीय सिनेमा की शुरुआत मानी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर भारतीय फिल्मों में विलेन के रोल की शुरुआत कैसे हो गई. जब फिल्में आईं तो ये साइलेंट होती थी. उस दौरान में भी बिना डायलॉग के विलेन हुआ करते थे जो अपनी दमदार पर्सनैलिटी से ही हुकुम जमाया करते थे. चलिए आपको देश के पहले विलेन से मिलवाते हैं.
भारत की फिल्मों के पहले विलेन हीरालाल ठाकुर (Hiralal Thakur) हैं. उन्होंने ही फिल्मों में खलनायक वाले रोल की शुरुआत की थी और इसलिए उन्हें ही भारतीय सिनेमा का पहला विलेन माना जाता है. उन्होंने पहले साइलेंट फिल्मों और फिर रंगीन फिल्मों में खूब काम किया और नेम-फेम हासिल किया.
हीरालाल ठाकुर का जन्म लाहौर में हुआ. उन्हें बचपन से ही एक्टिंग और कलाकारी में रुचि थी. जब वह परिवार के साथ रामलीला देखने जाते थे तो भी उनका ध्यान सबकी एक्टिंग और लुक पर ही होता था. उन्हें रामलीला में सबसे पसंदीदा कैरेक्टर रावण लगता था.
हीरालाल ठाकुर ने फिल्मों में काम करना साल 1928 से शुरू किया. उनकी पहली फिल्म शंकरदेव आर्या की फिल्म डॉटर्स ऑफ टुडे से डेब्यू किया. इसी फिल्म को पाकिस्तानी सिनेमा की शुरुआत हुई थी. इसके बाद वह लगातार कई फिल्मों में दिखे और डायरेक्टर की पहली पसंद बन गए. जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो वह कोलकाता आकर बस गए. उन्होंने साल 1945 में दर्पण रानी से शादी करके घर भी बसा लिया था.
जहां एक ओर लाहौर में फिल्म इंडस्ट्री इतनी विकसित नहीं तो तो भारत में काफी फिल्मों को लेकर क्रेज बढ़ता जा रहा था. साल 1951 में हीरालाल ठाकुर ने भारतीय फिल्मों में काम शुरू किया. ये फिल्म थी बादल, जहां उनके अपोजिट मधुबाला ने काम किया था.
अब बॉलीवुड में हीरालाल ठाकुर बैक टू बैक नेगेटिव रोल से छाप छोड़ रहे थे. अमर प्रेम, गुमनाम से लेकर औरत जैसी फिल्में खूब पसंद की जा रही थीं. उन्होंने अपने 50 साल का करियर फिल्मों में बिताया. करीब 150 से ज्यादा फिल्मों में काम भी किया और पहले विलेन का टैग भी हासिल किया. कहते थे कि वह जिस फिल्म को छू देते थे वो सुपरहिट हो जाती थी.
फिल्मों के अलावा हीरालाल ठाकुर ने खूब नाम कमाया था. वह देश की आजादी के लिए लड़ने वाले योद्धाओं में से भी एक थे. वह भगत सिंह के साथ स्वतंत्रता की लड़ाई में भी सक्रिय रहे. साल 1981 में हीरालाल ठाकुर ने इस दुनिया का अलविदा कह दिया था.
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