Masjid Controversy in india: अयोध्या में बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद खत्म है. अदालत के आदेश के आदेश के बाद राम मंदिर का निर्माण हो चुका है. लेकिन देश में कई ऐसी मस्जिदें हैं, जिनकों लेकर अभी भी मामला अदालत में है, संभल में जामा मस्जिद को लेकर फैली हिंसा में तो चार लोगों की जान भी चली गई. तो आइए जानते हैं, आखिर इन दिनों कौन वो मस्जिदें हैं जिनको लेकर देश में बवाल मचा है. भगवान और खुदा किस जगह हैं, यह साबित करने के लिए इंसान की अदालतों में तारीखें तय होनी लगी हैं.
उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये पहले भगवान विष्णु का हरिहर मंदिर था, जिसे 1529में आंशिक रूप से ध्वस्त कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की गई थी. हिंदू पक्ष का ऐसा भी दावा है कि भविष्य में यहीं भगवान कल्कि अवतार लेंगे. इस दावे का आधार बाबरनामा को बताया जा रहा है, जिसे खुद मुगल बादशाह बाबर ने लिखी थी.
उत्तरकाशी जिले में 55 साल पुरानी मस्जिद है. इसे लेकर विवाद चल रहा है, कुछ महीने पहले हिंदू संगठन ने मस्जिद को अवैध बताया. जिसके बाद हिंदू संगठनों ने जनाक्रोश रैली निकाली. जनाक्रोश रैली के बाद उत्तरकाशी में तनाव का माहौल बन गया। जिसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए 8 नामजद और 200 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
यह पूरा मामला साल 2022 में सामने आया था. अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल ने दावा किया था कि जामा मस्जिद की जगह पहले नीलकंठ महादेव मंदिर था. इसके बाद उन्होंने यहां पूजा-अर्चना की अनुमति के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी. बदायूं जामा मस्जिद के वकील असरार अहमद ने बताया, मस्जिद करीब 850 साल पुरानी है और वहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है. उन्होंने कहा, इस मामले में हिंदू महासभा ने जो याचिका दायर की है, उसका कोई अधिकार ही नहीं है. यहां पूजा-अर्चना की अनुमति देने का कोई मामला नहीं बनता.
Ajmer Dargah को लेकर निचली अदालत उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गई जिसमें कहा गया था कि मस्जिद के नीचे शिव मंदिर है. कोर्ट के इस फैसले के बाद से राजनीतिक बहस छिड़ गई है क्योंकि मथुरा वाराणसी और धार में मस्जिदों और दरगाहों पर इसी तरह के दावे किए गए हैं. भाजपा ने कोर्ट के फैसले का समर्थन किया है.
शिमला के संजौली में जो 5 मंजिला मस्जिद बनाई गई है वहां पुरानी छोटी मस्जिद की जगह एक अवैध इमारत खड़ी कर दी गई है. आरोप है कि इस मस्जिद को बिना किसी मंजूरी के 5 मंजिल तक बनाया गया है. इस मस्जिद का निर्माण 2009 में शुरू हो गया था और इसे लेकर 2010 में विवाद शुरू हो गया.18 h
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