Chabahar Vs CPEC: रीजनल कनेक्टिविटी वो मुद्दा है जिसकी चर्चा हर मंच पर होती है. एससीओ (SCO) की समिट में भी यही हुआ, जहां यूरेशियन कनेक्टिविटी (Eurasian connectivity) को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री भुट्टो (Bilawal Bhutto Zardari) का सामना उस सच से कराया जिससे वो अनजान बन रहे थे.
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India backs Chabahar Port at SCO: हाल ही में उज्बेकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच की दूरियां एकदम साफ-साफ देखने को मिलीं. इस मंच पर भारत ने पाकिस्तानी हुक्मरानों का सामना उस सच से कराया जिससे वो जानकर भी अनजान बने रहते हैं. इस मंच पर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पर चर्चा हुई तो भारत ने एशिया और यूरोप के बीच संपर्क के लिए चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) के इस्तेमाल पर जोर दिया. वहीं पाकिस्तानी मंत्री बिलवल भुट्टो, चीन के सीपैक (CPEC) का जिक्र करके बीजिंग की वकालत करने लगे. इसके बाद भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया कि वो हैरान रह गए.
यूरेशिया कनेक्टिविटी पर चर्चा
गौरतलब है कि भारत आजादी के समय से ही गुलाम कश्मीर और आस-पास के उन हिस्सों को अपना अभिन्न अंग मानता है जिनपर चीन और पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा है. वहीं भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर की गिनती सियासत में आने से पहले दुनिया के काबिल विदेश विभाग के अधिकारियों में होती थी. इसलिए जब पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने उन्हें विदेशमंत्री के पद की जिम्मेदारी सौंपी तभी यह साफ हो गया था कि नया भारत अपनी जमीन के हर उस इंच को वापस लेगा जिसपर एक जमाने पहले दुश्मनों ने धोखे से कब्जा कर लिया था.
बस देखते रह गए बिलावल भुट्टो
चीन-पाकिस्तान का आर्थिक गलियारा भारत के इस हिस्से से गुजरता है इसलिए भारत हमेशा से चीन और सीपैक का हमेशा से कड़ा विरोध करता आया है. ऐसे में जब एससीओ के मंच से पाकिस्तान की तरफ से नए-नवेले विदेश मंत्री बिलावल भु्ट्टो जरदारी ने सीपैक की बात की तो जयशंकर ने भारत द्वारा ईरान के जिस चाबहार बंदरगाह को विकसित किया है उसके फायदे गिनाते हुए भुट्टो की बोलती बंद कर दी और बड़े जबरदस्त तरीके से भारत के हितों का ध्यान करते हुए अपना पक्ष रखा.
पाकिस्तान को दो टूक जवाब
इकोनॉमिक्स टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'कोरोना संकट और यूक्रेन संघर्ष के कारण दुनिया को ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना करना पड़ रहा है. इसका तुरंत समाधान होना चाहिए.' इतना ही नहीं, जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की मौजूदगी में आतंकवाद को लेकर भी जमकर खरी-खोटी सुनाई. जयशंकर ने सदस्य देशों का आह्वान करते हुए कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए. गौरतलब है कि पाकिस्तान दुनिया में आतंकवाद का सबसे बड़ा मददगार है.
चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर जोर
एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर जोर देते हुए अफगान लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन, गेहूं और दवाओं के साथ भारत के समर्थन का जिक्र किया. वहीं उन्होंने एससीओ में ईरान के प्रवेश का स्वागत करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि सभी एससीओ सदस्य देश चाबहार बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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