Viral News: एक महिला ने दावा किया कि वह लंबे समय से नौकरी के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर रही थी. उसने अलग-अलग जगहों पर जाकर अपनी रिज्यूमे भी जमा की, लेकिन उसे कहीं नौकरी नहीं मिल पाई. हालांकि जब उसे एक नौकरी मिली भी तो वह 10 मिनट भी नहीं टिक पाई.
Trending Photos
Viral News: एक महिला की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया और न्यूज पोर्टल्स पर चर्चा का विषय बनी हुई है. 32 वर्षीय महिला ने कई महीनों तक लगातार नौकरी की तलाश कर रही थीं, लेकिन जब उसे एक चाइल्डकेयर सेंटर में काम मिला. महीनों की मेहनत और सैकड़ों बार आवेदन करने के बाद उन्हें यह नौकरी मिली, लेकिन वहां सिर्फ 10 मिनट ही वहां टिक सकी.
सोफी ने बताया कि वह इससे पहले कभी बच्चों के साथ काम नहीं कर चुकी थीं. नौकरी के पहले ही दिन उन्हें एक कमरे में 10 चिल्लाते हुए बच्चों के बीच रखा गया. बच्चे लगातार शोर मचा रहे थे और उनके रोने की आवाज ने सोफी को मानसिक रूप से परेशान कर दिया. सोफी ने महसूस किया कि यह नौकरी उनके लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. उन्होंने कहा, “मैंने पहले कभी बच्चों के साथ काम नहीं किया था. जब मैं उस कमरे में गई तो 10 चिल्लाते हुए बच्चों को संभालना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो गया. मैं बस यह सब नहीं कर पाई.”
ये भी पढ़ें : रशियन से भी ज्यादा खूबसूरत है इस राज्य की लड़कियां?
जल्दबाजी में छोड़ी नौकरी
तनाव और दबाव के चलते सोफी ने सिर्फ 10 मिनट के अंदर ही नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया. वह इतनी जल्दी में वहां से निकल गईं कि अपना टिफिन, जिसमें उनके दिन का खाना रखा था, उसे लेना भी भूल गईं. इस घटना के बाद सोफी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि टिफिन छोड़ने की वजह से वह पूरे दिन परेशान और गुस्से में रहीं.
सिखाया एक सबक
सोफी का कहना है कि यह अनुभव उनके लिए एक बड़ी सीख साबित हुआ. उन्होंने महसूस किया कि खुद को बेहतर तरीके से समझना और अपनी क्षमताओं को पहचानना कितना जरूरी है. उन्होंने कहा, "सिर्फ नौकरी पाने के लिए हर काम में खुद को झोंक देना सही नहीं है. यह जरूरी है कि आप वह काम चुनें, जो आपके व्यक्तित्व और कौशल के अनुकूल हो."
ये भी पढ़ें : अनोखा बिजनेस आइडिया: महाकुंभ में मोबाइल चार्जिंग बना कमाई का जरिया, सिर्फ एक घंटे में 1000 रुपये की आमदनी!
ऑनलाइन प्रतिक्रियाएं
सोफी की यह कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. कुछ लोग उनकी ईमानदारी की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ मजाक करते हुए कह रहे हैं कि "कम से कम टिफिन तो साथ ले जाना चाहिए था." हालांकि, कई लोगों ने इसे एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा है कि नौकरी के चुनाव में सिर्फ आर्थिक पहलू नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन और रुचि भी जरूरी हैं. सोफी की कहानी बताती है कि गलत नौकरी चुनना न केवल आपके लिए तनावपूर्ण हो सकता है, बल्कि यह आपकी मानसिक शांति को भी प्रभावित कर सकता है.