Bisleri Success Story: दवा बनाने वाली कंपनी ने बेच दिया बोतल में बंद पानी, लोगों ने एक वक्त में कहा था पागल
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Bisleri Success Story: दवा बनाने वाली कंपनी ने बेच दिया बोतल में बंद पानी, लोगों ने एक वक्त में कहा था पागल

Bisleri Story: पानी के सबसे पॉपुलर ब्रांड की बात की जाए तो बिसलेरी का नाम सबसे पहले आता है. लेकिन क्या आपको पता है कि बिसलेरी नाम कहां से आया और इसका पहला प्लांट कहां लगाया गया? दरअसल, इस लोकप्रिय ब्रांड की कहानी काफी इंटरेस्टिंग है. आज हम आपको इस फेमस ब्रांड के बनने की दिलचस्प कहानी बताने जा रहे हैं. 

 

Bisleri Water Plant Photo

Bisleri Interesting Story: जब भी हम बाहर होते हैं या यात्रा कर रहे होते हैं और हमें प्यास लगती है तो हम पानी खरीदने जाते हैं. आमतौर पर हम दुकानदार से वॉटर बोतल नहीं मांगते बल्कि हम उससे बिसलेरी मांगते हैं. इसी बात से आप बिसलेरी की लोकप्रियता का अंदाजा लगा सकते हैं. लेकिन शायद ही हर कोई यह बात जनता हो कि बिसलेरी कंपनी विदेशी है, इसके मालिक भी एक विदेशी बिजनेसमैन है. इतना ही नहीं, यह पहले पानी बेचने वाली कंपनी भी नहीं थी. लेकिन यह भारत में आई और इसका पहला वॉटर प्लांट मुंबई के ठाणे में शुरू हुआ था. देखते ही देखते बिसलेरी बोतल में बंद पानी देने वाला सबसे बड़ा ब्रांड बन गया. 

इटली के बिजनेसमैन ने शुरू की थी कंपनी

आप जान कर हैरान रह जाएंगे कि बिसलेरी पानी नहीं बेचती थी बल्कि यह एक फार्मास्युटिकल कंपनी थी, जो मलेरिया की दवा बेचती थी. इसके संस्थापक इटली के बिजनेसमैन Felice Bisleri थे. उनकी मौत के बाद उनके फैमिली डॉक्टर रोजिज ने बिसलेरी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाई. 

भारत में ऐसे हुई कंपनी की एंट्री

इधर, भारत को आज़ादी मिल चुकी थी और यहां बिजनेस के लिए स्कोप बढ़ रहा था. रोजिज को भारत में बिसलेरी कंपनी की पानी बोतल बेचने का आइडिया आया. इसके लिए उन्होंने अपने दोस्त और कंपनी के लीगल एडवाइज़र के बेटे खुशरू संतुक से बात की और उन्हें  इस बिजनेस आइडिया पर राजी किया. हालांकि, उस वक्त लोगों ने बोतल में पानी बेचने के इस आइडिया को पागलपन करार दिया था. लोगों को लगा कि पानी खरीद कर कौन पीएगा. 

इस वजह से बेचनी पड़ी कंपनी

बहरहाल, खुशरू संतुक ने साल 1965 में मुंबई के ठाणे में बिसलेरी का पहला वॉटर प्लांट लगाया. बिसलेरी सोडा और बिसलेरी वॉटर के साथ कंपनी ने भारतीय बाजार में पदार्पण किया. उस समय मुंबई में पानी की गुणवत्ता काफी खरीब थी. गरीब तो ये पानी नहीं खरीद पाते थे लेकिन अमीर लोग ये पानी खरीदकर पीने लगे. यह बड़े रेस्टोरेंट में ही मिलता था. उसमें भी लोग पानी से ज्यादा सोडा खरीदना पसंद करते थे. यही वजह थी कि खुसरू ने कंपनी को बेचने का सोच लिया.

ऐसे बनी नंबर वन

इसके बाद साल 1969 में बिसलेरी को भारतीय कंपनी पार्ले ने खरीद लिया. उस वक्त देश भर में बिसलेरी के सिर्फ 5 स्टोर ही थे. अब पार्ले ने इसे आम लोगों तक पहुंचाने की मुहिम शुरू की और अपनी टीम को रिसर्च पर लगाया. जिसके बाद भारत में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसी जगहें जहां पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पाता, बिसलेरी ने अपना पानी पहुंचाया. देखते ही देखते आज यह कितनी लोकप्रिय हो गई है ये हम सबके सामने है. आज भारत में सील्ड वॉटर बॉटल इंडस्ट्री में बिसलेरी की 60% की हिस्सेदारी है.

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