दिल्ली दंगे: कहां से आती है मजहबी कट्टरपंथियों में इतनी हैवानियत
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दिल्ली दंगे: कहां से आती है मजहबी कट्टरपंथियों में इतनी हैवानियत

दिल्ली में हुए भीषण दंगों ने पूरे देश को हिला दिया था. जिस बर्बरता के साथ जेहादी मानसिकता के कट्टरपंथी लोगों ने निर्दोष और मासूम लोगों मारा है उतनी हैवानियत इन जेहादियों में कैसे आती है.

 

दिल्ली दंगे: कहां से आती है मजहबी कट्टरपंथियों में इतनी हैवानियत

नई दिल्ली: दिल्ली में हुई भीषण हिंसा और दंगों में 50 अधिक लोगों की बेहद निर्ममता और बर्बरतापूर्ण तरीके से हत्या कर दी गयी थी. इसमें मजहबी कट्टरपंथियों के हैवानी स्वरूप को देखकर देशवासी दंग रह गए थे. लोग यही विचार कर रहे हैं कि इन जेहादी मानसिकता के तथाकथिक भारतीयों में इतनी हैवानियत कहां से आती है. 

  1. मुस्लिम भीड़ ने हिन्दू युवक को जिंदा जलाया- पुलिस
  2. 12 लोगों को किया नामजद
  3. CAA के विरोध में तालिबानी मानसिकता

आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन पर अंकित शर्मा की हत्या करने के आरोप में दिल्ली पुलिस अहम सबूत हाथ लगे हैं. दिल्ली पुलिस दंगों की निष्पक्ष जांच करके सभी दंगाइयों और मजहबी कट्टरपंथियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर रही है. इसमें कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं.

मुस्लिम भीड़ ने हिन्दू युवक को जिंदा जलाया

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नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में हुए धरने में देश की बहुसंख्यक आबादी के खिलाफ मजहबी कट्टरपंथियों ने अपने दंगाई साथियों में भयानक जहर भर दिया और इतना उकसा दिया कि कई निर्दोष हिन्दू बर्बरता से मार दिए गए. ताहिर हुसैन के घर पर बारूद का जखीरा बरामद हुआ था. दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बड़ा खुलासा किया है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि CAA विरोधी दंगे के दौरान हिंदुओं की संपत्ति को निशाना बना रही जेहादियों की भीड़ ने एक व्यक्ति को मिठाई की दुकान के भीतर जिंदा जला दिया था.

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12 लोगों को किया नामजद

आपको बता दें कि पुलिस ने मिठाई की दुकान में काम करने वाले दिलबर नेगी की हत्या के आरोप में 12 लोग को नामजद किया है. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रिचा परिहार के समक्ष ये चार्जशीट दाखिल की है. मजिस्ट्रेट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 18 जून की तारीख तय की.

CAA के विरोध में तालिबानी मानसिकता

सभी देशवासियों के मन में एक सवाल तेजी से उठ रहा है कि नागरिकता कानून के माध्यम से पड़ोसी देशों के प्रताड़ित और निरीह अल्पसंख्यक समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जा रही है तो इससे मुस्लिम समुदाय को क्यों दिक्कत है. इस कानून से किसी भी भारतीय की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है. इसके बावजूद इन लोगों में तालिबानी सोच कहां से आ गयी. IB अधिकारी अंकित शर्मा के शव को 40 बार चाकूओं से गोदा गया था. ये जेहादी और तालिबानी सोच दिल्ली के दंगों में साफ साफ दिखाई दी थी.

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