बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इन दिनों कांग्रेस की खूब जुबानी धुलाई कर रही हैं. प्रवासी मजदूरों से लेकर गरीबी तक हर समस्या के लिये मायावती कांग्रेस को ही जिम्मेदार बता रही हैं. इससे उनकी भाजपा के साथ जाने की चर्चाएं तेज हो गयी हैं.
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लखनऊ: देश में सियासत कभी भी बंद नहीं होती है. देश में सबसे अधिक दिनों तक सत्ता का सुख भोगने वाली कांग्रेस कोरोना जैसी भीषण महामारी में भी मोदी सरकार के खिलाफ अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है. लगातार चुनावों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को मोदी और अमित शाह के हाथों शिकस्त मिलती रही है.
प्रवासी मजदूरों को अपनी तुच्छ राजनीति का हिस्सा बनाने की प्रियंका गांधी की पूरी साजिश को बसपा सुप्रीमो मायावती ने ध्वस्त कर दिया है. इन दिनों प्रतिदिन मायावती सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर हमला बोल रही हैं.
बदली बदली सी नजर आ रही हैं मायावती
आपको बता दें कि देश में लॉकडाउन हो जाने की वजह से प्रवासी मजदूर अपने घर नहीं जा पा रहे हैं और बेबस होकर सरकारी सहायता का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में सियासी रोटियां सेंकने के लिये प्रियंका गांधी ने मजदूरों की हितैषी होने का छद्म रूप धारण कर लिया और बसों की राजनीति शुरू कर दी.
प्रियंका गांधी की इस सियासत को मायावती ने पंक्चर कर दिया. मायावती ने गरीबी और पिछड़ेपन के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश में सबसे ज्यादा समय तक राज किया और अब वो इस मुद्दे को राजनीति के लिए भुनाना चाहती है.
इतिहास में भी भाजपा के साथ रह चुकी हैं मायावती
मायावती के बारे में ये चर्चा तेज है कि लोकसभा चुनाव के बाद से मायावती भाजपा की तरफ झुक रही हैं. देश की सियासत में भाजपा और कांग्रेस दो ध्रुव हैं और जो भी कांग्रेस से नाराज होगा वो भाजपा के पास ही जाएगा. आपको बता दें कि मायावती भाजपा की मदद से उत्तर प्रदेश की दो बार मुख्यमंत्री भी बनी हैं.
जब मुलायम सिंह यादव की सरकार गिरने के बाद मायावती पर गेस्ट हाउस में हमला हुआ था तब भाजपा के वरिष्ठ नेता ब्रम्हदत्त दि्वेदी ने उनकी रक्षा की थी. मायावती के राजनीतिक इतिहास का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि वे भाजपा के साथ अधिक समन्वय से काम करती हैं.
मजदूरों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
1. आज पूरे देश में कोरोना लाॅकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लम्बे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गाँव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता? 1/4
— Mayawati (@Mayawati) May 23, 2020
मायावती ने कहा कि देश में कांग्रेस ने सबसे अधिक समय तक सरकार चलाई है लेकिन कांग्रेस कभी भी मजदूरों और गरीबों के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में मजदूरों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. अभी तक जहां मजदूर काम कर रहे थे उनसे काम ज्यादा लिया जाता था और वेतन कम दिया जाता था. मजदूरों की हर समस्या के कांग्रेस की नाकाम सरकार ही जिम्मेदार है.
कांग्रेस ने कभी गरीबों की सुध नहीं ली- मायावती
मायावती ने श्रमिकों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए ट्विटर पर लिखा कि आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है क्योंकि आजादी के बाद इनके लंबे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव या शहरों में की गई होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ता.
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भाजपा से बढ़ा रही हैं करीबी
लोकसभा चुनाव में प्रचंड शिकस्त के बाद से मायावती का रुख बदला बदला से नजर आ रहा है. उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी की सक्रियता भी एक कारण हो सकता है लेकिन राष्ट्रवाद के प्रति मायावती का रुख स्पष्ट रूप से लोगों के सामने आया है. मायावती ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले का दिल खोलकर समर्थन किया था और कई मुद्दों पर उन्होंने मोदी सरकार के बजाय कांग्रेस को देश की बुरी हालत का कसूरवार ठहराया है.
व्यक्तिगत राजनीति के अस्तित्व को बचाने की कोशिश
बसपा सुप्रीमो मायावती इस समय अपने राजनीतिक अस्तित्व जो बचाने की कोशिश कर रही हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में मायावती शून्य पर सिमट गई थीं और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की आंधी में मायावती केवल 19 सीट ही बचा सकी थी. 2019 लोकसभा चुनाव में बसपा को केवल 10 सीटें ही मिली थीं वो भी सपा से गठबंधन के कारण. अब भविष्य की राजनीति करने के लिए भाजपा की विचारधारा को अपनाए बिना मायावती का कोई अस्तित्व नहीं है. सबसे अहम तथ्य ये है कि मायावती का मुख्य दलित वोटर भी अब भाजपा के साथ है.