Nargis Flowers Farming: आज हम आपको नरगिस फूल की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए बेहतरीन बिजनेस आइडिया साबित हो सकता है. नरगिस बेहद खुशबूदार और आकर्षक प्रजाति के फूल हैं.
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Nargis Flowers Farming: फूलों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है. फूल हमारी लाइफ के बढ़ते तनाव को कम करने में बहुत हेल्पफुल माने जाते हैं. फूलों की खेती मुनाफे का सौदा बनती जा रही है. जी हां, नरगिस का फूल (Nargis flowers) बेहद फायदेमंद होता है, जिसकी खेती करके किसान भाई मोटी कमाई कर सकते हैं.
नरगिस के फूलों की किस्में
फूलों के स्कैप के ऊपरी हिस्से पर प्रजाति के हिसाब से 1 से 8 फूल आते हैं. नरगिस के फूलों की कई किस्में पाई जाती हैं. इनमें सर विंस्टन चर्चिल, तहीती बैरट व्हाइट, आइस फोलिस कैलिफोर्निया सन, ब्राइउल गाउन, डच मास्टर, चीयरफुलनेस और टेक्सास सेमी डबल शामिल हैं.
ऐसे की जाती है नरगिस के फूलों की खेती
नरगिस की खेती के लिए दोमट या फिर बलुई मिट्टी बेहतर मानी जाती है. अधिक और बेहतर पैदावार के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5-7.5 के बीच होना चाहिए. वहीं, इन फूलों की खेती के लिए जल निकासी की बेहतर व्यवस्था होना बहुत जरूरी है. इन फूलों की खेती के लिए 11-17 डिग्री सेल्सियस तापमान बेहतर होता है.
खेती का सही समय
नरगिस की बुआई सितंबर-अक्टूबर महीने में की जाती है. इस बात का ध्यान रखें कि बुआई के तुरंत बाद ज्यादा सिंचाई न करें. 10 किग्रा गोबर खाद प्रति वर्ग मीटर के साथ नाइट्रोज, फॉस्फोरस और पोटाश क्रमश: 250, 625 और 625 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए. पौधों पर कटाई के बाद पत्तियां के मुरझाने पर कंदों को उखाड़ लेना चाहिए.
फूलों की हार्वेस्टिंग
नरगिस के फूलों को गूस नेक स्टेज यानी हंस की गर्दन के आकार वाली अवस्था पर जमीन से 10-15 सेमी ऊपर से काटा जाता है. फूलों को काटने के बाद पानी से भरी बकेट में रखा जाता है. नरगिस के फूलों गुच्छों वाली किस्मों को 2 खिले फूल वाली अवस्था में काटना चाहिए.
फूलों की कटाई के बाद इनकी शेल्फ लाइफ 7-8 दिनों की होती है. इनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए मार्केट में भेजने से पहले इन्हें 25 पीपीएम सिल्वर नाइट्रेड और 6-10 फीसदी शर्करा के घोल में 2-4 घंटे तक रखना चाहिए.
फूलों की खेती से कमाई
प्रति हेक्टेयर में औसतन 4 लाख कटे फूल और 8 लाख कंद का उत्पादन आसानी से मिलता है. इन फूलों को मार्केट में बहुत डिमांड होती है, जिसे बेचकर किसान मोटा पैसा कमा सकते हैं.