पहले के मुकाबले अब काफी लड़कियां जिंदगीभर सिंगल रहना चाहती हैं, हालांकि ये उनकी च्वॉइस है, लेकिन भविष्य में इसके कुछ अंजाम हो सकते हैं जिन पर भी गौर किया जाना जरूरी है.
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Why Some Girls Don't Want To Get Married: आज के वक्त में, जब समाज तेजी से बदल रहा है, लड़कियों की सोच और प्रायोरिटीज भी बदल रही हैं. एक ऐसा ट्रेंड उभरकर सामने आया है जहां लड़कियां शादी न करने का फैसला ले रही हैं. इसकी वजह न सिर्फ उनकी पर्सनल फ्रीडम और करियर पर फोकस करना है, बल्कि यह भी है कि वो अपनी शर्तों पर जिंदगी जीना चाहती हैं.
शादी न करने के पीछे बड़ी वजह
1. करियर को प्रायोरिटी देना
लड़कियों की एजुकेशन और करियर को लेकर इंटरेस्ट पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है. वो अपने प्रोफेशनल टारगेट्स को प्रायोरिटी देती हैं और शादी को इन लक्ष्यों के आड़े नहीं आने देना चाहतीं.
2. फाइनेंशियल फ्रीडम
आज की लड़कियां आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं. उन्हें अब उस तरह की फाइनेंशियल सेक्युरिटी की जरूरत नहीं है जो परंपरागत रूप से शादी से जुड़ी होती थी.
3. सामाजिक दबावों से आजादी
शादी के बाद समाज और परिवार की अपेक्षाएं, जैसे बच्चे पैदा करना और घरेलू जिम्मेदारियां निभाना, कई बार महिलाओं पर भारी दबाव डालती हैं. जिनसे वो बचना चाहती हैं, और शादी नहीं करती
4. फ्रीडम और सेल्फ रिस्पेक्ट
लड़कियां अब पर्सनल फ्रीडम को ज्यादा अहमियत देती हैं. वो ऐसे रिश्तों में रहना नहीं चाहतीं जो उनकी आजादी को सीमित कर दें.
लॉन्ग टर्म में हो सकते हैं ये नुकसान
हालांकि शादी न करने के कई फायदे नजर आते हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जो सोचने लायक हैं.
1. इमोशनल सपोर्ट की कमी
शादी या स्थायी संबंध इमोशनल स्टेबिलिटी प्रदान कर सकते हैं. जिंदगी के उतार-चढ़ाव में पार्टनर का साथ न होना अकेलापन बढ़ा सकता है.
2. बुढ़ापे में अकेलापन
बुढ़ापे में साथी और परिवार का सहारा होना ज़रूरी है. शादी न करने वाली महिलाओं को इस दौर में अकेलेपन का सामना करना पड़ सकता है.
3. सामाजिक जुड़ाव की कमी
शादी एक सामाजिक संस्थान है जो समाज में स्थायित्व और रिश्तों को मजबूत करता है. इससे दूर रहना कभी-कभी सामाजिक अलगाव का कारण बन सकता है.
4. फाइनेंशनल मैनेजमेंट मुश्किल
हालांकि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं, लेकिन एक परिवार का होना आर्थिक सुरक्षा का एक्स्ट्रा सोर्स बन सकता है.
इन बातों पर करें गौर
शादी करना या न करना पूरी तरह से पर्सनल च्वॉइस है. ये हर महिला की प्रायोरिटीज और हालात पर निर्भर करता है. हालांकि, फैसला लेते वक्त लॉन्ग टर्म इफेक्ट पर विचार करना जरूरी है. बदलाव की इस नई लहर को समाज को समझने और स्वीकारने की जरूरत है, लेकिन महिलाओं को भी ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके फैसले न सिर्फ वर्तमान बल्कि भविष्य में भी उनकी भलाई के लिए हों.