अब तक की सबसे बड़ी साइलेंट किलर ये बीमारी, इलाज में देरी से पैर काटने की आ जाती है नौबत, लोग नाम तक नहीं जानते
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अब तक की सबसे बड़ी साइलेंट किलर ये बीमारी, इलाज में देरी से पैर काटने की आ जाती है नौबत, लोग नाम तक नहीं जानते


What Is Peripheral Artery Disease: धमनियों से शुरु होने वाली इस खतरनाक बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है. इस बारे में ज्यादातर लोगों को तब पता चलता है जब वह इसकी चपेट में आ जाते हैं.  

अब तक की सबसे बड़ी साइलेंट किलर ये बीमारी, इलाज में देरी से पैर काटने की आ जाती है नौबत, लोग नाम तक नहीं जानते

जब एक सुबह आप अपने मोजे पहनते हैं और महसूस करते हैं कि आपके बड़े अंगूठे में जो दर्द कुछ सप्ताहों से था, वह काले रंग में बदल गया है, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है. यह दर्द और रंग परिवर्तन पैर की धमनी रोग (Peripheral Artery Disease) के कारण हो सकता है, जो एक गंभीर स्थिति है. तुरंत इलाज न मिलने से पैर काटने की नौबत भी आ सकती है.  

यही कारण है कि हाल के वर्षों में, यूके में वैस्कुलर सर्जरी यूनिट्स ने इस बीमारी के उपचार को जल्दी और प्रभावी बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं. ग्लेनफील्ड अस्पताल, लेस्टर में हुए एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि अगर इलाज जल्दी किया जाए तो पैर को बचाने का खतरा आधा हो सकता है. 
 
क्या है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज?

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD)में पैरों की रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं. यह वही प्रक्रिया है जो दिल की बीमारी का कारण बनती है. इस रोग में रक्त के प्रवाह में रुकावट आती है, जिससे पैरों में दर्द, घाव और कभी-कभी गैंगरीन जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. यह स्थिति विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में आम है और डायबिटीज के मरीजों में इसका खतरा और भी बढ़ जाता है.

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लक्षण

इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में पैरों में चलने पर दर्द होना, जिसे इंटरमिटेंट क्लॉडिकेशन कहा जाता है, शामिल हैं. सही समय पर उपचार से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन जैसे-जैसे यह रोग बढ़ता है, मरीज को ऑपरेशन या पैर की उंगली को काटने की आवश्यकता हो सकती है.

कैसे बच सकती है जान?

ग्लेनफील्ड अस्पताल, लेस्टर के एक अध्ययन में पाया गया कि यदि रोगी को इलाज जल्दी मिलता है, तो अम्पुटेशन का खतरा 57 प्रतिशत तक घट सकता है. नतीजे बताते हैं कि जितना जल्दी इलाज होगा, उतना ही पैर बचाने का खतरा कम होगा.

बचाव के उपाय

इस शोध से यह स्पष्ट होता है कि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के इलाज में समय की बहुत अहमियत है. अगर इस रोग के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दिया जाए, तो मरीजों को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोका जा सकता है. यह जरूरी है कि लोग अपने पैरों में किसी भी असामान्य परिवर्तन, जैसे पैरों में दर्द, घाव या काले निशान, को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें. इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली जैसे कि धूम्रपान से बचना, नियमित व्यायाम करना और डायबिटीज को नियंत्रित रखना इस बीमारी के बढ़ने से बचा सकता है.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

 

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