गर्भावस्था एक खूबसूरत अनुभव होता है, लेकिन इस दौरान महिलाओं को कई शारीरिक बदलावों से भी गुजरना पड़ता है. इनमें से एक है दिल की धड़कन का बढ़ जाना.
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गर्भावस्था एक खूबसूरत अनुभव होता है, लेकिन इस दौरान महिलाओं को कई शारीरिक बदलावों से भी गुजरना पड़ता है. इनमें से एक है दिल की धड़कन का बढ़ जाना. कई महिलाओं को लगता है कि यह एक सामान्य बात है और इसे अनदेखा कर देती हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में दिल की तेज धड़कन खतरे से खाली नहीं है? इसे नजरअंदाज करना आपके और आपके बच्चे के लिए महंगा पड़ सकता है.
तेज धड़कन के कारण
* प्रेग्नेंसी के दौरान खून की मात्रा लगभग 50% तक बढ़ जाती है. इससे दिल को ज्यादा खून पंप करना पड़ता है, जिससे धड़कन तेज हो सकती है.
* प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन का लेवल बदलता है, जो दिल गति को भी प्रभावित कर सकता है.
* प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे थकान, सांस लेने में तकलीफ और दिल की धड़कन तेज होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
* यह एक गंभीर स्थिति है जो प्रेग्नेंसी के बाद के चरण में विकसित होती है और हाई ब्लड प्रेशर, सिरदर्द और नजर में बदलाव का कारण बन सकती है.
लक्षण
तेज दिल की धड़कन: यह आमतौर पर छाती में धड़कन या तेज़ी से धड़कने जैसा महसूस होता है.
चक्कर आना या हल्का महसूस करना: यह ब्लड प्रेशर में गिरावट के कारण हो सकता है.
सांस लेने में तकलीफ: यह दिल को ज्यादा खून पंप करने के लिए कड़ी मेहनत करने के कारण हो सकता है.
सीने में दर्द: यह दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है.
कब डॉक्टर से मिलें
यदि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान दिल की धड़कन तेज होने के साथ-साथ निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें:
* सीने में लगातार दर्द या दबाव
* सांस लेने में बहुत तकलीफ
* चक्कर आना या बेहोशी
* तेज दिल की धड़कन जो आराम करने पर भी कम नहीं होती है
* पैरों या टखनों में सूजन
उपचार
प्रेग्नेंसी के दौरान दिल की धड़कन तेज होने के उपचार का कारण पर निर्भर करता है. यदि यह हानिरहित है, तो डॉक्टर आपको आराम करने, तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाने और अपने पैरों को ऊपर उठाने की सलाह दे सकते हैं. यदि यह किसी अंतर्निहित स्थिति के कारण होता है, तो डॉक्टर दवा या अन्य उपचार लिख सकते हैं.\
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.