लाखों लोग अपना रहे वजन घटाने का 'जानलेवा' तरीका, डायबिटीज को न्योता देता है ये वेट लॉस हैक
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लाखों लोग अपना रहे वजन घटाने का 'जानलेवा' तरीका, डायबिटीज को न्योता देता है ये वेट लॉस हैक

वजन घटाने के लिए लोग नए-नए डाइटिंग ट्रेंड्स अपना रहे हैं, लेकिन क्या हो अगर वही तरीका आपकी सेहत पर भारी पड़ जाए? एक हालिया अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है वजन घटाने का एक फेमस तरीका डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है.

लाखों लोग अपना रहे वजन घटाने का 'जानलेवा' तरीका, डायबिटीज को न्योता देता है ये वेट लॉस हैक

तेजी से वजन घटाने के चक्कर में लोग तरह-तरह के पैंतरे अजमाते हैं. बिना एक्सपर्ट की सलाह पर लोग लाइफस्टाइल में बदलाव से लेकर नए-नए डाइटिंग ट्रेंड्स फॉलो करने लगते हैं. हालांकि, कई बार वही तरीका सेहत पर भारी पड़ जाता है. अब एक हालिया अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि वजन घटाने का एक फेमस तरीका डायबिटीज का खतरा बढ़ा देता है.

र्मनी में हुई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) किशोरों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकती है. हॉलीवुड और बॉलीवुड की कई मशहूर हस्तियां इस डाइटिंग ट्रेंड को फॉलो कर चुके हैं. हालांकि, लंबे समय से इस पर बहस जारी है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर के लिए कितनी फायदेमंद या नुकसानदायक हो सकती है. अब, जर्मनी में हुई एक रिसर्च ने इस ट्रेंड को लेकर नई चिंता खड़ी कर दी है.

इंटरमिटेंट फास्टिंग से डायबिटीज का खतरा?
इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने चूहों के तीन ग्रुप्स पर अध्ययन किया, जिसमें 2 महीने (किशोर), 8 महीने (मध्यम आयु) और 18 महीने (वृद्ध) उम्र के चूहे शामिल थे. इन्हें 24 घंटे बिना भोजन के रखा गया, फिर दो दिन तक सामान्य डाइट दी गई. 10 हफ्तों के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि मध्यम आयु और वृद्ध चूहों में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाती है, जिससे उनके शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है. लेकिन किशोर चूहों में इस डाइट का गंभीर नुकसान देखा गया. उनकी पैंक्रियाज की बीटा सेल्स पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाईं, जिससे इंसुलिन उत्पादन पर बुरा असर पड़ा.

क्या इंसानों पर भी लागू होता है यह असर?
शोधकर्ताओं ने इन नतीजों की तुलना मानव टिशू से की, जिसमें डायबिटीज से पीड़ित लोगों की बीटा सेल्स में ठीक उसी तरह की अपरिपक्वता (Immaturity) देखी गई, जैसी युवा चूहों में थी. इससे यह संकेत मिलता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग किशोरों के लिए हानिकारक हो सकता है और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है. इस स्टडी के सह-लेखक डॉ. स्टीफन हर्जिग ने कहा कि हमारे अध्ययन ने पुष्टि की है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वयस्कों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन किशोरों और बच्चों के लिए यह खतरा भरा हो सकता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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