AI के जरिए 5 साल पहले डिटेक्ट हो पाएगा ब्रेस्ट कैंसर, जानिए नई तकनीक कैसे करेगी काम
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AI के जरिए 5 साल पहले डिटेक्ट हो पाएगा ब्रेस्ट कैंसर, जानिए नई तकनीक कैसे करेगी काम

Breast Cancer Diagnosis: हेल्थकेयर में एआई धीरे-धीरे काफी तरक्की कर रही है, ताजा मामला ब्रेस्ट कैंसर के डिटेक्शन का है, जिससे काफी महिलाओं को बीमार होने से बचाया जा सकेगा.

AI के जरिए 5 साल पहले डिटेक्ट हो पाएगा ब्रेस्ट कैंसर, जानिए नई तकनीक कैसे करेगी काम

How AI Can Detect Breast Cancer: आजकल दुनियाभर के तमाम फील्ड्स में आर्टिफीशियल इंटेलिजेस का यूज किया जा रहा है, ऐसे में मेडिकल क्षेत्र कहां पीछे रहने वाला है. अब रिसर्चर्स एआई के जरिए फ्यूचर में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर फॉर्मेशन का पता लगाएंगे. ये उन महिलाओं के लिए खुशी की बात है जिन्हें इस बीमारी का डर सताता रहता है. ऐसे में काफी लोगों को ब्रेस्ट कैंसर से बचाया जा सकता है.

ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाएगा AI

डॉ. मनन वोहरा (Dr. Manan Vora) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो के जरिए बताया, "अब एआई मॉडल के जरिए ब्रेस्ट कैंसर डेवलप होने से पहले 5 साल पहले इसका पता लगाया जा सकेगा. अभी मैमोग्राफी स्तन कैंसर को डिटेक्ट करने का सबसे इफेक्टिव तरीका है, लेकिन इसमें 20 फीसदी टाइम मिस हो जाता है, जिसके कारण कैंसर का डिटेक्शन लेट स्टेज में होता है."

'मिराई' से होगी क्रांति

अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology) के रिसर्चर्स ने एक एआई सॉल्यूशन तैयार किया है जिसका नाम 'मिराई' (Mirai) रखा गया है. ये एक कॉम्पलेक्स न्यूरल नेटवर्क है जो चैट जीपीटी की तरह बना हुआ है, ऐसी रिपोर्ट आई है कि ये ब्रेस्ट कैंसर होने के 1 से 5 साल पहले इसे डिटेक्ट कर सकता है.

 

ये एआई कैसे काम करता है?

- मैमोग्राम को ह्यूमन टेक्नीशियन या डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं
- ये मिराई इमेज इनकोडर को एनालाइड करता है जिससे एआई इसे रीड कर सके.
- ये दोनों ब्रेस्ट में आए हुए फर्क को देखता है और साथ ही कई दूसरे ट्रेडिशनल फैक्टर्स को भई एनालाइज करता है.
- इस जानकारी के जरिए ये पेशेंट में अगले 5 सालों के लिए ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क का पता लगाता है.

 

'ब्रेस्ट कैंसर से मौत में आएगी कमी'

डॉ. मनन वोहरा ने कहा, "ये एक एक्साइटिंग न्यूज है क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर भारत में सबसे कॉमन कैंसर है जो महिलाओं में होने वाले तमाम कैंसर का 28.2 फीसदी हिस्सा है. 'मिराई' के अलावा दूसरे एआई मॉडल ने हाल ही में रेडियोलॉजिस्ट के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा कैंसर का पता लगाया है जब 80 हजार मैमोग्राम की स्टडी की गई थी. यानी हम एक बड़े ब्रेकथ्रू की दहलीज पर खड़े हैं. ये स्क्रीनिंग और ट्रीटमेंट का विकास ही है जिसके जरिए पिछले 3 दशकों में ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों में 43 फीसदी की कमी आई है. और आने वाले वक्त में ऐसे मामले और ज्यादा कम होंगे."

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