Colour Photo: यह तस्वीर शानदार है. विक्रम लैंडर के आसपास की सतह को थ्रीडी इमेज के तौर पर तैयार किया गया है. इसे इसरो ने एनाग्लिफ नाम दिया है. खास बात है कि इस तस्वीर को प्रज्ञान रोवर में लगे नेवकैम ने लिया है.
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Vikram Lander Pragyaan Rover: चंद्रयान-3 जिस मिशन के साथ चांद पर भेजा गया था उस मिशन में ना सिर्फ वह कामयाब रहा है बल्कि पूरी दुनिया में भारत की तकनीक और वैज्ञानिक शक्ति का डंका भी बज गया है. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. अब जबकि चांद पर अंधेरा हो चुका है ऐसे में इसरो ने दोनों को नींद में भेजा हुआ है. इसी बीच इसरो ने एक शानदार तस्वीर शेयर की है. यह तस्वीर कई मायनों में बेहद खास है. चंद्रयान-3 मिशन के बाद इसरो की तरफ से शेयर की गई चांद की यह पहली रंगीन और 3D तस्वीर है.
दरअसल, यह तस्वीर 30 अगस्त को कैप्चर की गई है. सोशल मीडिया पर यह तस्वीर जारी करते हुए इसरो ने लिखा कि 'एनाग्लिफ स्टीरियो या मल्टी-व्यू तस्वीरों से 3डी का दृश्य है. NavCam स्टीरियो इमेज का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें प्रज्ञान रोवर पर ली गई बाईं और दाईं दोनों तस्वीरें शामिल हैं.' असल में यह 3-चैनल वाली तस्वीर है. यह दो तस्वीरों का मिश्रण है. एक तस्वीर रेड चैनल पर थी. दूसरी ब्लू और ग्रीन चैनल पर थी. दोनों को मिलाकर बनाने से यह तस्वीर बनकर सामने आई.
इसकी वजह से देखने वाले को विक्रम लैंडर थ्रीडी में दिखेगा. यानी आपको ऐसा लगेगा कि आप चांद पर खड़े होकर विक्रम को देख रहे हों. इसरो ने भी लिखा कि इसे देखने का असली मजा 3D चश्मे से आएगा. वह भी रेड और सयान 3D ग्लास से. यह तस्वीर 30 अगस्त को ली गई है, जिसे ISRO ने अभी शेयर किया है, क्योंकि प्रज्ञान रोवर अभी स्लीप मोड में है.
Chandrayaan-3 Mission:
Anaglyph is a simple visualization of the object or terrain in three dimensions from stereo or multi-view images.
The Anaglyph presented here is created using NavCam Stereo Images, which consist of both a left and right image captured onboard the Pragyan… pic.twitter.com/T8ksnvrovA
— ISRO (@isro) September 5, 2023
बता दें कि इससे पहले हाल ही में इसरो ने चांद की सतह पर चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग कराई है. इसरो ने बताया था कि विक्रम लैंडर अपने मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और आगे बढ़ा. इसरो ने बताया कि कमांड मिलने पर विक्रम लैंडर ने इंजनों को ‘फायर’ किया, अनुमान के मुताबिक करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया.