अतीक हत्याकांड से पहले शूटर्स ने किया था बर्नर मोबाइल का इस्तेमाल, फीचर्स उड़ा देंगे होश
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अतीक हत्याकांड से पहले शूटर्स ने किया था बर्नर मोबाइल का इस्तेमाल, फीचर्स उड़ा देंगे होश

Atiq Murder Case: एसआईटी की सख्त पूछताछ में शूटरों ने एक होटल का वह कमरा दिखाया, जहां वे हत्या से पहले रुके थे...यहीं पर एसआईटी को दो मोबाइल फोन बरामद हुए...

 

Atiq Ahmed Ashraf Ahmed shot dead

Atiq ahmed murder case: प्रयागराज में 15 अप्रैल को अतीक-अशरफ पर पुलिस सुरक्षा में दनादन गोलियां दागने वाले बेखौफ हत्यारों का अंदाज देख हर कोई हैरान है. एक माफिया को पलभर में ढेर कर दिया. आरोपियों के पास से विदेशी हथियार कहां से आए और उस समय उनके पास कोई फोन भी नहीं था. इतनी बड़ी सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने आए तीनों आरोपियों के पास कोई मोबाइल फोन नहीं था. ऐसे ही कुछ सवालों से एसआईटी की नींद उड़ी है. सवाल उठने लगे हैं कि कहीं ये हत्या के आरोपी बर्नर फोन तो इस्तेमाल नहीं कर रहे थे.

इस मोबाइल से खुलेंगे राज
अतीक हत्याकांड के आरोपी सनी सिंह,लवलेश और अरुण मौर्य को रिमांड पर लेकर एसआईटी जांच कर रही है. एसआईटी ने तीनों की निशानदेही पर उस होटल से दो मोबाइल फोन बरामद किए, जहां दोनों शूटर ठहरे हुए थे. इन मोबाइल फोन में सिम कार्ड नहीं था. फिलहाल एसआईटी इनके मोबाइल नंबर का पता लगा कर कॉल डिटेल खंगाल रही है.होटल से बरामद शूटरों के मोबाइल अब अतीक-अशरफ हत्याकांड के राज खुल सकते हैं. मोबाइल में सिम नहीं है लेकिन आईएमईआई नंबर के जरिए पुलिस ने उनका मोबाइल नंबर हासिल कर लिया है. अब इन नंबरों की कॉल डिटेल रिपोर्ट निकलवाने के साथ ही SIT मोबाइल से डाटा रिकवरी के भी प्रयास में जुटी है.

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ऐसी आशंका जताई जा रही है कि हत्यारोपित बरामद मोबाइल का इस्तेमाल आपस में बात करने के लिए करते थे. हो सकता हो कि इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड से इस मोबाइल के जरिए बात होती थी. घटना से पहले ही बर्नर फोन को नष्ट कर दिया गया जिससे कोई सबूत न बचे. हालांकि जांच के बाद ही साफ होगा कि शूटरों ने बर्नर फोन का इस्तेमाल किया था कि नहीं. आइए जानते हैं कि बर्नर फोन क्या होता है और क्यों इसका इस्तेमाल किया जाता है.

बर्नर फोन इस्तेमाल करने का शक
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले शूटरों से पूछताछ करने वाली टीम को आरोपी के बर्नर फोन इस्तेमाल करने का शक है. बर्नर फोन और सिम कार्ड की खासियत होती है कि इससे लोकेशन ट्रेस नहीं होती. आमतौर पर इस फोन और सिम का यूज अपनी पहचान छिपाने के लिए किया जाता है.  इसे डिस्पोजल फोन भी कहते हैं. इस फोन में कॉल और मैसेज करने की सुविधा होती है. पुलिस की ट्रेकिंग से बचने के लिए इसमें इस तरह के फीचर बनाए गए होते हैं कि लोकेशन भी ना मिले और दूसरा इसमें इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है. यह एक मल्टीमीडिया फोन की जगह सामान्य फोन होता है.

बर्नर फोन क्या है?
बर्नर फोन अल्ट्रा-सस्ते पुराने जमाने के फंक्शन वाले फोन होते हैं जिनका उपयोग आप सिर्फ फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज (एसएमएस) भेजने के लिए कर सकते हैं. बर्नर फोन में आमतौर पर 4G या 5G कनेक्शन शामिल नहीं होते हैं.बर्नर फोन वास्तव में जासूसी मोशन पिक्चर्स, आपराधिक गतिविधि थ्रिलर और एक्शन फ्लिक में सामने और केंद्र में रहे हैं. कई नेटफ्लिक्स मोशन पिक्चर्स और टेलीविज़न सीरीज़ ने वास्तव में अपहरण के बाद फिरौती कॉल करने के लिए बर्नर फोन का उपयोग करने वाले कानून तोड़ने वालों का खुलासा किया.

घटनास्थल पर दो घंटे पहले ही पहुंच गए थे शूटर
कॉल्विन अस्पताल में दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीन शूटर, घटना वाली रात दो घंटे पहले ही मौके पर पहुंच गए थे. उन्हें जानकारी मिल गई थी कि धूमनगंज पुलिस अतीक व अशरफ को लेकर थाने से निकली है. इसके बाद ही वह कॉल्विन अस्पताल पहुंचकर आसपास मंडराने लगे थे.

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