आजमगढ़: करवे को लेकर भारत के कई राज्यों में रहती है मांग, 4 महीने पहले मिलते हैं ऑर्डर
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आजमगढ़: करवे को लेकर भारत के कई राज्यों में रहती है मांग, 4 महीने पहले मिलते हैं ऑर्डर

Azamgarh News: निजामाबाद के मिट्टी की कलाकृतियां लोगों को खूब पसंद आती है. अगर बात करवा की की जाय तो देखते है कि इनकी खूबसूरती लोगों को अच्छी लगती और लोगों को भाती है..

आजमगढ़: करवे को लेकर भारत के कई राज्यों में रहती है मांग, 4 महीने पहले मिलते हैं ऑर्डर

वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़: आजमगढ़ का निजामाबाद किसी समय में काली मिट्टी के बर्तन के लिए विश्व विख्यात था. कुछ वर्ष पूर्व इसकी पहचान और वहां के रहने वाले कुम्हारों की आजीविका पर संकट छा गया था, लेकिन आज इसी निजामाबाद के बने दिए, मिट्टी के बर्तन, खिलौने, कलाकृतियां व करवा चौथ के करवा की पूरे देश मे जबरदस्त मांग है. करवा की बात करें तो इसकी मांग 4 महीने पहले ही आना शुरू हो जाती है और मांग के हिसाब से करवा का निर्माण व भेजना एक लंबी प्रक्रिया होती है, क्योंकि करवा चौथ के एक सप्ताह पूर्व ये बाजार में आ जाना चाहिए.

निजामाबाद के मिट्टी की कलाकृतियां है प्रसिद्द 
निजामाबाद के मिट्टी की कलाकृतियां लोगों को खूब पसंद आती है. अगर बात करवा की की जाय तो देखते है कि इनकी खूबसूरती लोगों को अच्छी लगती और लोगों को भाती है, जितनी बढ़िया से इनको चाक पर बनाते समय निखारते हैं. उतने ही बढ़िया से इसको रंगते भी है. यहां के बने उत्पादों की मांग भारत के कई राज्यों में रहती है, यही कारण है कि यहां पूरे वर्ष कार्य का निर्माण किया जाता है. हालांकि पहले तो उनका काम पूर्णत: हाथ से काम होता था लेकिन बदलते दौर में अब आधुनिक समय में कुछ मशीनें भी आ गई हैं जिसके सहयोग से अपने कलाकृतियों को निखारते हैं.

आजमगढ़ की पहचान भी है मिट्टी का बर्तन
निजामाबाद कस्बा आजमगढ़ मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित है और यहां की मिट्टी के बर्तन को ODOP एक जिला एक उत्पाद की मान्यता है. यानी आजमगढ़ की पहचान भी है मिट्टी का बर्तन या कलाकृति. बात करवा पर ही नहीं रुकती आने वाले दीपावली के त्योहार के लिए मिट्टी के दियो की भी जबरदस्त मांग रहती है. यहां की मिट्टी चिकनी व मुलायम है जिससे बर्तन, दीप, करवा, खिलौने बनाने पर उसमें अपने आप चमक आ जाती है.

कुम्हारों के हाथों के जादू के चलते सभी मिट्टी के खिलौने खिल उठते है जीवंत दिखने लगते है. इन कलाकृतियों को बनाने के लिए मशीनों का भी उपयोग किया जाता है जिससे अधिक मात्रा में निर्माण हो सके और अधिक से अधिक सप्लाई किया जा सके. निजामाबाद कस्बे के रहने वाले प्रत्येक कुम्हार के घर मिट्टी का सामान बनता है। इन कुम्हार का रोजगार इसी से जुड़ा हुआ है, जिससे वह अपनी आजीविका चलाते हैं. 

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