Swami Prasad Maurya News: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दे डाला है. इस बार उन्होंने स्वामी विवेकानंद का सहारा लेकर ब्राह्मण समाज पर भी निशाना साधा है.
Trending Photos
Swami Prasad Maurya on Brahminism: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) रामचरितमानस (Ramcharitmanas Controversy) पर दिए बयान के बाद से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. इस बीच सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ब्राह्मण समाज पर भी निशाना साधा है. महात्मा गांधी, बाबा साहब अंबेडकर के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्वामी विवेकानंद का सहारा लेकर ब्राह्मण समाज पर विवादित बयान दे डाला है.
"ब्राह्मणवाद को पैरों तले कुचल डालो"
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा, "विश्व धर्म सम्मेलन सन 1893, शिकागो में बोलने हेतु अनुमति मांगने पर आयोजकों ने हिंदू धर्म के प्रवक्ता होने का प्रमाण मांगने पर 'शंकराचार्य जी' से अनुरोध पर कहा गया कि "तुम ब्राह्मण जाति के नहीं हो बल्कि शूद्र जाति के हो. अतः तुम्हें हिंदू धर्म का प्रवक्ता नहीं बनाया जा सकता. अनागरिक धम्मपाल जी(श्रीलंका) के बौद्ध धर्म के प्रवक्ता के रूप में सहमति पत्र देने के बाद विवेकानंद जी आयोजन में बोले भी, सर्वोत्तम वक्ता भी बनें. किन्तु शंकराचार्य जी के व्यवहार से क्षुब्ध होकर कहा कि "यदि भारत के भविष्य का निर्माण करना है तो ब्राह्मणवाद को पैरों तले कुचल डालो". उनके इस बयान से एक बार फिर खलबली मच सकती है.
विश्व धर्म सम्मेलन सन 1893, शिकागो में बोलने हेतु अनुमति मांगने पर आयोजकों ने हिंदू धर्म के प्रवक्ता होने का प्रमाण मांगने पर 'शंकराचार्य जी' से अनुरोध पर कहा गया कि "तुम ब्राह्मण जाति के नहीं हो बल्कि शूद्र जाति के हो। अतः तुम्हें हिंदू धर्म का प्रवक्ता नहीं बनाया जा सकता।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 14, 2023
रामचरितमानस को दिए बयान पर अडिग हैं मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस की चौपाइयों को संशोधित करने और प्रतिबंधित करने की मांग पर डटे हैं. बीते दिनों मौर्य ने बाबाओं और साधुओं पर विवादित बयान देते हुए कहा, "मैं पढ़ता और सुनता था कि साधु कभी गुस्सा नहीं होते और होते हैं तो श्राप देते हैं, लेकिन आजकल के बाबाओं और साधुओं को अपने जप-तप पर भरोसा नहीं है. इसलिए अब वे आतंकवादी की भाषा बोल रहे हैं.” इतना ही नहीं सपा नेता ने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दे डाली. मौर्य ने कहा, बागेश्वर बाबा अगर चमत्कारी हैं तो चीन को भस्म क्यों नहीं कर देते. चीन हमेशा बॉर्डर पर आकर धमकी देता रहता है.
यह भी पढ़ें- धर्मगुरु ने अल्लाह और ओम को लेकर मदनी को दिखाया आईना, कहा-सियासी बयान न दें तो बेहतर
रामचरितमानस को लेकर दिया था विवादित बयान
बता दें कि पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है. सपा नेता ने कहा, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है. तुलसीदास की रामायण में कुछ ऐसे अंश हैं, जिन पर हमें आपत्ति है. किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का हक नहीं है. तुलसीदास की रामायण में चौपाई है. इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान किया गया है. तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था. करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते. इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
यह भी पढ़ें- स्वामी प्रसाद मौर्य लखनऊ का नाम बदलने की मुहिम में कूदे, सपा नेता ने खेला दलित कार्ड
यह भी देखें- WATCH: अडानी मामले पर कांग्रेस के आरोपों का अमित शाह ने पहली बार दिया जवाब