Sambhal News: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार आरोपियों के केस की सुनवाई के मामले में सदर जफर अली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचे. वहां पहुंचकर एडवोकेट शासकीय अधिवक्ताओं से उनकी लड़ाई हो गई.
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Sambhal / Akash Sharma: संभल हिंसा के मामले में गिरफ्तार आरोपियों के अधिवक्ता जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने हंगामे के दौरान पुलिस प्रशासन पर जेल में बंद आरोपियों की केस डायरी उपलब्ध न कराए जाने के आरोप लगाए. जेल में बंद आरोपियों को मजलूम और बेगुनाह बताते हुए कहा पुलिस नहीं चाहती कि जेल में बंद बेगुनाहो को इंसाफ मिले.
आधा दर्जन वकीलों की टीम तैयार
संभल में हुई हिंसा के मामले पुलिस अब तक 73 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जेल में बंद आरोपियों के मामले की कोर्ट में पैरवी के लिए जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट के साथ आधा दर्जन से अधिक वकीलों की टीम बनाई गई है. हिंसा के आरोपियों की सुनवाई के लिए कोर्ट ने कई बार तारीख निश्चित की है.
अधिवक्ताओं की हुई आपस में झड़प
आरोपियों के वकील सुनवाई की तारीखों को स्थगित करने के कोर्ट में लिए कई बार स्थगन प्रार्थना पत्र दे चुके है. लेकिन आरोपियों ने अधिवक्ताओ ने आज भी कोर्ट में स्थगन प्रार्थना पत्र दिया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया .जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट और शासन की और से संभल हिंसा के आरोपियों के खिलाफ पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ताओं की आपस में झड़प हो गई.
पुलिस प्रशासन पर आरोप
पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि पुलिस नहीं चाहती कि जेल में बंद मजलूमों और बेगुनाहों की इंसाफ मिले. संभल हिंसा के मामले में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ प्रशासन के पास पुख्ता और बड़े प्रमाण है. आरोपियों के वकीलों के पास आरोपियों को बेगुनाह साबित के लिए कोई भी साक्ष्य नहीं है ,जिसकी वजह से आरोपियों के अधिवक्ता इस मामले की सुनवाई से बचने के लिए कई बार स्थगन प्रार्थना पत्र दे चुके है.
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