कौन हैं 'बवंडर बाबा', 47 महीनों में बाइक से 25 राज्‍य की सैर कर महाकुंभ पहुंचे
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कौन हैं 'बवंडर बाबा', 47 महीनों में बाइक से 25 राज्‍य की सैर कर महाकुंभ पहुंचे

Who is Bavandar Baba: प्रयागराज महाकुंभ में तरह-तरह के साधु-संत और बाबा डेरा डाले हुए हैं. अब बाइक से एक लाख किलोमीटर से ज्‍यादा की यात्रा कर बवंडर बाबा महाकुंभ पहुंच गए हैं.  

Bavandar Baba

Who is Bavandar Baba: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में अब तक 30 करोड़ से ज्‍यादा श्रद्धालु संगम में स्‍नान कर चुके हैं. महाकुंभ में तरह-तरह के साधु-संत और बाबा पहुंच चुके हैं. दूर-दराज से आ रहे श्रद्धालु संगम स्‍नान के बाद साधु-संतों के दर्शन कर आशीर्वाद ले रहे हैं. पायलट बाबा, गोल्‍डन बाबा, अनाज बाबा के बाद अब महाकुंभ में बवंडर बाबा की एंट्री हो गई है. 

महाकुंभ पहुंचे बवंडर बाबा 
मध्य प्रदेश के इंदौर से बाइक चलाकर 'बवंडर बाबा' शुक्रवार को महाकुंभ पहुंचे. 'बवंडर बाबा' सनातन धर्म की रक्षा के उद्देश्य से अपनी बाइक पर यात्रा करते हैं. साथ ही अपनी अपरंपरागत यात्रा से भक्तों को प्रेरित करते हैं. महाकुंभ पहुंचे बवंडर बाबा ने कहा क‍ि मैं पूरे भारत की यात्रा पर हूं, करीब 47 महीनों से यात्रा कर रहा हूं. इस यात्रा का उद्देश्य हिन्दू देवी-देवताओं की छवियों और मूर्तियों के प्रति दिखाए गए अनादर के प्रति जागरुक फैलाना है. 

हिंदू देवताओं का अपमान 
उन्‍होंने कहा कि हिंदुओं द्वारा हिंदू देवताओं का अपमान किया जा रहा है. ऐसा क्यों है कि हिंदू अपने देवताओं की तस्वीरों का अनादर करते हैं, चाहे वह शादी के कार्ड, अगरबत्ती, पटाखे या कैलेंडर पर हों. बवंडर बाबा ने कहा "मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जिस मूर्ति या फोटो की साल भर पूजा की जाती है, अगर वह खंडित हो जाती है, तो उसे सड़क किनारे, पीपल के पेड़ के नीचे छोड़ने की जरूरत नहीं है. हमारी सनातन संस्कृति में तीन विधान हैं, उन चित्रों को हम भूमिगत कर दें. दूसरा, अग्नि में भस्म कर दें. तीसरा, पानी में विसर्जन कर दें. 

बवंडर कैसे पड़ा नाम? 
बवंडर बाबा ने कहा कि अगर हिन्दू लोग अभी भी नहीं समझेंगे, तो बांग्लादेश में जो हिन्दुओं के साथ हो रहा है, वह यहां भी होगा. जब उनसे पूछा गया कि बवंडर बाबा का नाम उन्हें कैसे मिला. इस पर उन्होंने कहा कि बवंडर बाबा का नाम मुझे इसलिए दिया गया क्योंकि मैं देशभर में एक उद्देश्य के साथ यात्रा पर निकला हूं. "मैं चाहता हूं कि जो अभियान लेकर मैं यात्रा कर रहा हूं, उससे लोग जागरूक हों और अपने देवी-देवताओं का अपमान न करें. 

 

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