Shahjahanpur News: अभिनेता राजपाल यादव के पिता का शुक्रवार को निधन हो गया. पिछले कई दिनों से बीमारी के चलते दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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शिवकुमार/शाहजहांपुर : बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव के पिता नौरंग यादव का निधन हो गया है. 75 साल के नौरंग यादव पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. शुक्रवार को दिल्ली एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली. बताया गया कि उनका अंतिम संस्कार 25 जनवरी को दोपहर 11 बजे यूपी के शाहजहांपुर के बंडा क्षेत्र में होगा.
दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन
बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव शाहजहांपुर के बंडा के कुंडरा गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता नौरंग यादव पैतृक गांव कुंडरा में ही रहते थे. पिछले कई दिनों से बीमारी के चलते उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. शुक्रवार को अस्पताल में उपचार के दौरान ही उनका निधन हो गया. अभिनेता राजपाल यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है. इसमें राजपाल यादव और उनके पापा की तस्वीर है.
राजपाल यादव ने साझा की पिता संग तस्वीर
राजपाल यादव ने पिता के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'मेरे पिता मेरे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरक शक्ति रहे हैं. अगर आपने मुझ पर विश्वास न किया होता, तो मैं आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाता. मेरे पिता होने के लिए आपका धन्यवाद, मैं आपसे प्यार करता हूं'. बता दें कि एक दिन पहले ही राजपाल यादव थाईलैंड से दिल्ली लौटे थे. 25 जनवरी को शाहजहांपुर पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे.
नौरंग यादव के पांच बेटे
75 वर्षीय नौरंग यादव के पांच बेटे हैं. इनमें सबसे बड़े बेटे श्रीपाल यादव शिक्षक हैं, राजपाल यादव फिल्म अभिनेता है, इंद्रपाल यादव मुंबई में रहते हैं, राजेश यादव ग्राम प्रधान है और सतपाल यादव गांव में रहकर खेती का काम देखते हैं. राजपाल यादव की माता का नाम गोदावरी है. राजपाल यादव के पिता नौरंग यादव का पार्थिव शरीर आज शाहजहांपुर उनके पैतृक गांव पहुंच गया है. जहां उनके अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ पहुंच रही है.
जब पिता ने मास्टर जी से कह दिया था..पास न करना
राजपाल यादव कई बार पिता से जुड़े किस्सा साझा करते रहे हैं. राजपाल यादव कहते हैं कि एक बार मैं स्कूल का काम करके नहीं गया था. इस पर स्कूल के टीचर ने उनकी पिटाई कर दी थी. कुछ दिन बाद पिता नौरंग यादव जब स्कूल पहुंचे तो उन्होंने प्रिंसिपल से कहा था कि अगर राजपाल अपनी मेहनत से परीक्षा पास करता है तो ठीक, नहीं तो इसे पास न करना. अगर ये पढ़ना चाहता है तो ठीक, नहीं तो हम मजदूरी करके फालतू पैसे खर्च नहीं कर सकते. इसके बाद पिता ने उनका एडमिशन सरदार पटेल स्कूल में करा दिया था.
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