Rajasthan: निकाली गई नाग और नागिन की निकाली गई बिंदोरी, ब्लैक कोबरा ने पुजारी को डसा खून भी निकला लेकिन अगले ही पल…
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Rajasthan: निकाली गई नाग और नागिन की निकाली गई बिंदोरी, ब्लैक कोबरा ने पुजारी को डसा खून भी निकला लेकिन अगले ही पल…

Rajasthan:  राजस्थान के एक जिले में नाग और नागिन की बिंदोरी निकाली गई. इतना ही नहीं नाग ब्लैक कोबरा ने पुजारी को डसा भी और  पुजारी को खून भी निकला लेकिन अगले ही पल जानिए क्या हुआ?

Rajasthan: निकाली गई नाग और नागिन की निकाली गई बिंदोरी, ब्लैक कोबरा ने पुजारी को डसा खून भी निकला लेकिन अगले ही पल…

Rajasthan News: हिंदुस्तान में आस्था और श्रद्धा से जुड़े कई किस्से और कहानियां है. फिर बात राजस्थान की होती है तो यहां तो श्रद्धा और आस्था के साथ कहानियों में अंधविश्वास अपनी जड़े जमाए हुए नजर आता है, लेकिन राजस्थान के टोंक जिले की हकीकत से आपको रूबरू करवाते हैं.

राजस्थान में टोंक जिले के सुरेली गांव में आज तेजा दशमी पर ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध मेले का आयोजन बड़ी धूमधाम से हुआ. देश-प्रदेश सहित आस-पास के इलाकों से हजारों की तादाद में भक्तों की मेले में भीड़ उमड़ी. अलगोजों की धून पर थिरकते,झूमते श्रद्धालु इस तेजाजी के मेले को अद्भूत बनाते हुए नजर आए.

दरअसल सुरेली गांव में पिछले कई सालों से तेजाजी का ऐतिहासिक मेले का आयोजन हो रहा है. आज तेजा दशमी के मौके पर भी भव्य आयोजन हुआ. जिसमें तेजाजी के प्रतिरूप स्वरूप माने जाने वाले दिव्य नाग और नागिन को आज इस मेले में लाया गया. बताया जाता है कि मेले के एक दिन पूर्व नवमी के दिन इनकी बिंदोरी भी निकाली गई. हैरत की बात तो यह है कि इस बिंदोरी के दौरान नाग देवता के झूठा दूध को श्रद्धालुओं के पीने की अनूठी परम्परा भी निभाई गई.

 स्थानीय लोगों का दावा है कि उस दूध के पीने से शरीर की सभी बीमारियां खत्म हो जाती हैं. वहीं तेजा दशमी के दिन इस मेले का सब को आकर्षित करने वाला और हैरत में डालने वाली एक ही परम्परा है कि इन नाग-नागिन के जोड़ों से गोठिया(पुजारी,घोड़ला) को सांप जीभ पर डंसता है और करीब 15 मिनट पर गोठिया अचेत हो जाता है उसके बाद गोठिया फिर से ठीक हो जाता है.

आज भी अलगोजों की धून पर गोठिया भी जमकर झूमा और नाग-नागिन स्वरूप तेजाजी भी झूमते नजर आए. इस दौरान नाग-नागिन को भक्तों के गले भी डाल कर फोटो खींची गई. हैरत की बात तो यह है कि आज भी नाग देवता ने गोठिया को जीभ पर डसा, जीभ से खून भी निकला और गोठिया पूरी तरह से अचेत भी हुआ लेकिन अलगे ही पल गोठिया स्वस्थ होकर झूमता नजर आया है. स्थानीय लोगों के साथ भक्तों और श्रद्धालुओं ने इसे विज्ञान को चुनौती बताया है.

बता दें कि यह वही नाग देवता है जिसे लोग ब्लैक कोबरा के नाम से जानते है. जिसे देखते ही अच्छे-अच्छे लोगों के पसीने छूट जाते है. कहते है कि एक बार जिसे कोबरा डस ले वो पानी भी नहीं मांगता. उससे पहले ही उसकी मौत हो जाती है

 

 

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