Sikar News: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा आज सीकर दौरे पर रहे. इस दौरान डोटासरा ने अपने आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए शहर के नजदीकी नानी बीड के कच्चे बांध, नेशनल हाईवे और किसानों के खेतों में गंदा पानी भरने व सरकार के ट्रांसफर पॉलिसी और विधानसभा में जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के सवाल पर कई बड़े बयान दिए.
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Sikar News: पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा आज सीकर दौरे पर रहे. इस दौरान डोटासरा ने अपने आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए शहर के नजदीकी नानी बीड के कच्चे बांध, नेशनल हाईवे और किसानों के खेतों में गंदा पानी भरने व सरकार के ट्रांसफर पॉलिसी और विधानसभा में जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के सवाल पर कई बड़े बयान दिए.
डोटासरा ने कहा यह सरकार नहीं सर्कस है. उन्होंने सीकर शहर के नानी गांव बांध का गंदे पानी नेशनल हाईवे पर आने के सवाल पर कहा कि सीकर शहर का जो गंदा पानी जाता है वह नानी बीड में जाता है. उसकी व्यवस्था रहती है. बारिश के समय ही बाहर मुख्य सहित नेशनल हाईवे जयपुर से बीकानेर पर जाता है.
लेकिन इन 12 महीने में जिस प्रकार की स्थिति बनी है कि कोई सुनने वाला नहीं है, कोई ध्यान देने वाला नहीं है. प्रशासन बिल्कुल सुस्त चल रहा है और सरकार की तरफ से भी कोई प्रोजेक्ट ऐसा बनकर नहीं आया, जिसकी वजह से इसका कोई समाधान हो पाए. यह जो गंदा पानी है, जो नेशनल हाईवे को पूरी को खराब कर रहा है वहां के आसपास के तो निवासी हैं उनका जीवन दूभर हो जाता है. गर्मियों में मच्छर, गंदगी, दुर्गंध और अभी तो घरों से वह बाहर ही नहीं निकाल सकते इतना पानी आ गया है.
मैंने ट्वीट भी किया था और आप मीडिया के बंधुओ ने इसको चलाया भी था कि प्रशासन को सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. पहले नवलगढ़ रोड पर पानी भरता था रोजाना परेशानी रहती थी जब हमारी सरकार थी पिछले 5 साल में तो हमने चेष्टा की और 13 करोड़ रुपए लाकर के और वह जगमालपुरा बेड के अंदर उसको पानी को बाहर निकाला. अब इसको ट्रीटमेंट प्लांट लगा करके इस पानी का सदुपयोग भी हो और शहर का जो भी गंदा पानी जा रहा है.
वह गंदा पानी मेन रोड के ऊपर या मोहल्लों में या बस्तियों में नहीं जाए इसकी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए. राजस्थान की विधानसभा शुरू होने वाली है, जिसमें जो बजट सत्र है उसमें हम लोग इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे और संबंधित विभाग के मंत्री जो है वह हमारे खर्रा साहब हैं अब यूडीएच के मंत्री हैं और अगर इस समस्या का समाधान ही नहीं कर पाएंगे, चलो संभाग हमारा छीन लिया संघर्ष करेंगे, जिला छीन लिया, नगर निगम बन नहीं पाएगा, मास्टर प्लान आ नहीं रहा है, नवलगढ़ रोड का पुलिया शुरू नहीं हो पा रहा है.
गंदा पानी की जो निकासी है उसकी व्यवस्था भी ढंग से कर नहीं पा रहे हैं. जनता में आक्रोश है. जनता तकलीफ में है. उनकी तकलीफ में हम कंधे से कंधा मिला करके सरकार को चेताने का काम करेंगे. इनको कोई प्रोजेक्ट लाकर के और जिला कलेक्टर को भी इसका मौका मुवायना करना चाहिए और इसके बारे में चिंता करके और प्लान बनाकर के इस पानी को कहां ले जाया जा सके, जिससे जनता को परेशानी नहीं हो, यह व्यवस्था करनी चाहिए.
राजस्थान में हो रहे तबादलों व तबादलों की तारीख बढ़ाने के सवाल पर गोविंद बोले कि यह तो ऑक्सीजन पर चलने वाली सरकार है. देखते हैं कि ऑक्सीजन पर कितने दिन चलेंगे. उन्होंने कहा तबादले कब करने हैं, कितने दिन खोलने हैं, यह तय नहीं कर पा रही है सरकार. डोटासरा ने कहा कोई तीन-तीन दिन तबादले कर सकते हैं क्या, 10 दिन के कोई तबादले होते हैं क्या, उसमें भी शिक्षा विभाग जैसा मेजर डिपार्मेंट है.
तबादलों की सूचियां आ रही है और जो कर्मचारी और अधिकारियों में जिस तरीके की बेचैनी है और जो चिंता का विषय है वह हमारे सबके लिए चिंता का विषय है. पारदर्शिता की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी की यह है सरकार जो कह रही थी हम ट्रांसफर पॉलिसी लेंगे, वह पॉलिसी लाना तो दूर, जो पॉलिसी बनी हुई है हमारे सरकार से उसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं.
छोटे-छोटे कर्मचारियों को जिले और संभाग से बाहर कर रहे हैं. मेरे लक्ष्मणगढ़ में देख लो कल परसों ग्राम सेवकों की एक लिस्ट आई है, नियम विरुद्ध है. एक ग्राम सेवक को पंचायत समिति में एक जगह से दूसरी जगह वहां की प्रशासन स्थापना समिति कर सकती है और जिले के अंदर एक पंचायत समिति से दूसरी पंचायत समिति में जिला परिषद की प्रशासन स्थापना समिति कर सकती हैं. राज्य सरकार किसी ग्राम सेवक का ट्रांसफर नहीं कर सकती, जब तक दोनो पंचायत समितियां का या जिले से बाहर कर रही है तो दोनों जिला परिषदों का उसकी noc नहीं हो, यह कानून है यह कानून की धज्जियां उड़ा रहे है.
शिक्षा विभाग में आप देख रहे हो कुछ हो नहीं पा रहा है. पंचायती राज का भी बेड़ा गर्ग करने में पंचायत राज मंत्री जी लगे हुए हैं. वह घूम रहे हैं RSS की मीटिंग में जा रहे हैं, कोई प्राइवेट स्कूल वाला बुला लेता है, तो वहां पर चले जाते हैं. लेकिन सरकारी शिक्षा का या पंचायती राज का कैसे सुधारो हो, कैसे लोगों को लाभ मिले, कैसे उनकी जो समस्या है उनका समाधान हो, इस दिशा में उनको काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति में गोविंद डोटासरा के सारे आदमी है ऐसा नहीं है, एक कर्मचारी अपनी काबिलियत से अपनी पढ़ाई से अपनी मेहनत से कर्मचारी बनता है. सरकार के जो भी दिशा निर्देश जारी होते हैं, जो भी पॉलिसी होती है, जो भी योजनाएं होती है उसकी क्रियान्वित में अपना समय लगता है और वह अपनी ईमानदारी के साथ में काम करता है. वह कर्मचारी अधिकारी कोई कांग्रेस या बीजेपी नहीं होता है.
वह तो जिसकी सरकार होगी उसके दिशा निर्देश और पॉलिसी की क्रियान्विति करेंगे. उन्होंने कहा सरकार के यह समझ में ही नहीं आ रहा है. इसलिए तो मैं कहता हूं कि यह पर्ची सरकार है, यह एक सरकार नहीं सर्कस है. आगामी विधानसभा में किन मुद्दों को लेकर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा विधानसभा मे उठाने के लिए मुद्दे ही मुद्दे है.
भाजपा सरकार ने प्रदेश में कोई काम नहीं किया है, सिर्फ युवाओं को नौकरी देने के नाम पर बरगलाया हैं और नौकरी देने का इनके पास का नाम नहीं, जिला और संभाग इन्होंने खत्म किया और पूरे प्रदेश का किसान परेशान है. आज सरकार महंगाई कम कर नहीं पाई, महिला सशक्तिकरण के लिए जो इन्होंने वादे किए थे, उन्हें आज तक पूरा नहीं किया, बिजली का निजीकरण किया जा रहा है. आज पूरे प्रदेश में पेंशन और बेरोजगारी भत्ता किसी को मिल नहीं रहा. इसलिए ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर इनको विधानसभा सत्र में छठी का दूध याद दिला देंगे.