Udaipurwati, Jhunjhunu News: झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में दो दिन से गंदा पानी सप्लाई हो रहा है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ट्यूबवेल के कई रंगों का पानी आ रहा है.
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Udaipurwati, Jhunjhunu News: उदयपुरवाटी के विभिन्न वार्डों में दो दिन से गंदा पानी की सप्लाई हो रही है. ट्यूबवेल से अलग-अलग रंग का पानी निकल रहा है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार, उदयपुरवाटी कस्बे में दो दिन से जो पानी सप्लाई हो रहा है. वो लाल-पीले रंग का आ रहा है. लोग गंदा पानी समझ कर 10-15 मिनट तक नालियों में बहाते रहे लेकिन उसके बाद भी पानी साफ नहीं आया. पाईप लाइनों में लीकेज होने से कभी-कभी दो-चार मिनट गंदा पानी आता है और बाद में साफ पानी आने लगता है तो लोग पीने के लिए पानी भर लेते हैं.
दो दिन से पीने लायक पानी आया ही नहीं तो लोग परेशान हो गए. लोग जलदाय विभाग की सप्लाई लाइन में आने वाले पानी को नहाने व बाथरुम में काम ले रहे हैं लेकिन पीने के लिए अलग से व्यवस्था करनी पड़ रही है.
वहीं, पीएचईडी के अधिकारियों ने बताया कि पानी साफ है लेकिन ट्यूबवेल से अलग-अलग रंग का पानी निकल रहा है, जिसको सप्लाई करने पर गंदे जैसा ही दिखता है. जेईएन एमएल सैनी ने बताया कि शहर में कुल 16 ट्यूबवेल से पानी स्टोरेज टैंक में आता है. 12 ट्यूबवेल पाळी डूंगरी इलाके में बनी हुई है और चार ट्यूबवेल नर्सरी इलाके में है. पाळी डूंगरी वाली ज्यादातर ट्यूबवेल से लाल-पीला या काला पानी आने लगा है. इसका कारण या तो धरती के अंदर की मिट्टी धंस गई और अलग-अलग रंग की मिट्टी पानी के साथ बहकर आ रही है, जिससे पानी का रंग बदल रहा है.
दूसरा कारण यह हो सकता है कि जलस्तर और गहरा हो गया, जिससे ज्यादा नीचे से पानी आने लगा है. पाळी डूंगरी इलाके की ज्यादातर ट्यूबवेल का पानी अलग-अलग रंग का आ रहा है. यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी हो सकता है. पीएचईडी के अधिकारियों से जानकारी लेने पर पता लगा कि अभी तक पानी की जांच ही नहीं हुई है. कुछ दिन इस प्रकार का पानी पीने से लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है.
पीएचईडी जेईएन एमएल सैनी ने बताया कि दो दिन से कुछ ट्यूबवेल में लाल या पीले रंग का पानी आने लगा है. इसका कारण प्रथम दृष्ट्या रेळी मिक्स पानी माना जा रहा था. दो दिन से लगातार ऐसा पानी आने से इसे गंभीरता से ले रहे हैं. पानी के सैंपल लिए गए हैं. जांच के लिए सैंपल भेजे जाएंगे और सभी ट्यूबवेल के पानी की जांच करवाई जाएगी.
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