Jaisalmer News: जैसलमेर के नहरी के इलाक़े के मोहनगढ में ट्यूबवेल की खुदाई की जा रही थी. तभी अचानक से जमीन धंस गई . इस दौरान खुदाई में लगा ट्रक और मशीन दोनों गहरे गड्ढे में समाते चले गए. वहीं, जमीन फटी और अचानक से तेज धार में पानी बाहर आ गया. जमीन से 8 से 10 फीट उठते हुए देख ऐसा लग रहा था जैसे किसी ज्वालामुखी से लावा निकल रहा हो. पानी के साथ गैस और कीचड़ का भी रिसाव हो रहा है. हालांकि पानी पर काबू पा लिया गया है. वहीं ONGC अधिकारी जांच के लिए पहुंचे हैं.
कहा जाता है कि राजस्थान में सालों पहले सरस्वती नहीं बहा करती थी. लेकिन फिर वह विलुप्त हो गई. वहीं बड़े बुजुर्गों का मानना है कि दोबारा से सरस्वती नदी जमीन से अपने आप प्रकट होगी. वहीं अब इस कथन को जैसलमेर में हुए हादसे से जोड़ा जाने लगा है. मोहनगढ में जमीन से निकलते पानी को देख लोग यही कह रहे हैं. लेकिन पानी के साथ हो रहे गैस रिसाव के चलते लोगों में दहशत है.
पानी के प्रवाह और गैस लीकेज को देखते हुए 500 मीटर के दायरे आ रहे इलाके को प्रशासन ने खाली करा लिया है. उधर, तेल-गैस की कंपनी ONGC के अधिकारी मौके पर आए और जमीन से निकल रही गैस की जांच की है.अधिकारियों ने लीक होने वाली गैस को सामान्य बताया है.
8 से 10 फीट उठ रहे फब्बारे को लेकर भू-जल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास इणखिया ने खास चीजें बताईं. उन्होंने कहा कि पानी ज्यादा दबाव है. इसलिए यहां समुद्र की लहरों की तरह 8 से 10 फीट ऊंचाई तक उछल कर पानी बहने लगा है. लगातार बहते पानी से किसान के खेत में पानी भर गया है. हालांकि यहां बालू मिट्टी होने से जल भराव की गहराई ज्यादा नहीं हो पाई है.
विशेषज्ञों ने जगह का निरीक्षण किया है. वहीं जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने मोहनगढ़ की सुथार मंडी के 27 BD क्षेत्र में बोरवेल के 500 मीटर क्षेत्र में आमजन के आवागमन पर रोक लगा दी है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर पवन कुमार ने कहा कि रविवार को केयर्न एनर्जी कंपनी के विशेषज्ञ अधिकारियों ने निरीक्षण किया है. निरीक्षण की रिपोर्ट जल्द ही सामने आ जाएगी.