बार्डर पर BSF जवानों का निशाना, पाकिस्तान रेंजर्स के कानों तक गूंजा
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बार्डर पर BSF जवानों का निशाना, पाकिस्तान रेंजर्स के कानों तक गूंजा

जैसलमेर में बीएफ की 51 वीं   अंतर सीमान्त सपोर्ट वेपन शूटिंग प्रतियोगिता का आगाज हुआ है, जिसमें BSF के जवानों ने निशाना लगाया है. 

बार्डर पर  BSF जवानों का निशाना, पाकिस्तान रेंजर्स के कानों तक गूंजा

Jaisamer News: जैसलमेर से लगती भारत-पाकिस्तान सीमा पर BSF जवानों के सटीक निशानों की गूंज पाकिस्तान के रेंजर के कानों तक सुनाई दे रही है. सरहद के पास स्थित किशन गढ़ फायरिंग रेंज में BSF की 11 फ्रंटियर के 600 निशानेबाज अपनी निशानेबाजी से सरहद को गूंजा रहे हैं.

 

जैसलमेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज पर सीमा सुरक्षा बल के जरिए आयोजित देश के प्रतिष्ठित एवं  विशेष पहचान बना चुके अंतर सीमान्त सपोर्ट वेपन शूटिंग प्रतियोगिता का उद्घाटन किया. किसी भी विशेष बल के जरिए आयोजित देश में यह अपनी तरह का एक विशेष आयोजन है जिसकी शुरूआत भारत पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित किशनगढ़ क्षेत्र में हुआ.

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इस अवसर पर डेविड लालरिनसांगा, भारतीय पुलिस सेवा महानिरीक्षक राजस्थान सीमान्त के जरिए इस प्रतियोगिता का उद्धघाटन किया गया.  प्रतियोगिता की शुरआत की घोषणा के साथ ही पूरा किशनगढ़ क्षेत्र सीमा सुरक्षा बल के तोपखाने के धमाकों से गूंज उठा.

बता दें कि  प्रतियोगिता के उद्घाटन के अवसर पर असीम व्यास, उप महानिरीक्षक, क्षेत्रीय मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल, लोकेश कुमार, समादेष्टा, क्षेत्रीय मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल एवं संजय चौहान, समादेष्टा सहित अन्य अधिकारीगण प्रतियोगिता में भाग ले रहे प्रतिभागियों के साथ मौजूद रहे.

पाकिस्तान सीमा तक पहुंची धमाकों की गूंज 

प्रतियोगिता में मोटार्र 81 व एमएमजी के धमाकों से भारत पाकिस्तान सीमा क्षेत्र गूंज उठा. इन धमाकों की गूंज सीमा पार दुश्मन देशों को सीधा संदेश दे रही है कि भारत की ओर आंख उठाने वालो को नेस्तनाबूत करने के लिए BSF पूर्ण रूप से तैयार है.

बता दें कि किशनगढ़ फिल्ड फायरिंग रेंज मे BSF की 51 वीं सपोर्ट वेपन्स प्रतियोगिता का आगाज हुआ. देशभर से BSF के 11 फ्रंटियर के सैकड़ों जवान हिस्सा ले रहे है.  BSF के शॉर्प शूटर्स ने अचूक निशाना लगाकर दुश्मन के ठिकानों को मटियामेट किया.

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जवानों का निखरेगा कौशल

आईजी डेविड लॉरिनसांगा जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी बल में सपोर्ट वेपन की बहुत अहमियत होती है तथा इस तरह की प्रतियोगिता जवानों के युद्व कौशल एवं निपुणता को निखारने में अहम भूमिका निभाती है. देश की सुरक्षा में भी BSF का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 1971 के भारत-पाक युद्व में BSF के शौर्य की गाथा पूरा देश जानता है.

जानकारी के अनुसार प्रतियोगिता आगामी 5 नवंबर तक चलेगी, जिसमें 81 एमएम मोर्टार और 7.62 एमएम मीडियम मशीन गन के मुकाबले आयोजित किए जाएंगे. प्रतियोगिता में बीएसएफ के 11 फ्रंटियर्स की टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिसमें बीएसएफ के लगभग 600 जवान और अधिकारी शामिल हैं.

किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में हो रही प्रतियोगिता

आईजी डेविड लॉरिनसांगा ने बताया कि राजस्थान फ्रंटियर और जैसलमेर के लिए यह गर्व की बात है कि इस प्रतियोगिता का आयोजन किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में हो रहा है. इस प्रतियोगिता के दौरान 2  से 5 नवंबर तक किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में बीएसएफ के 11 सीमांतों की टीमें निर्धारित टारगेट पर सटीक और अचूक निशाना लगाकर अपने युद्ध कौशल का परिचय दे रहे है. 

किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में बीएसएफ के 11 सीमांतों की टीमें टारगेट पर सटीक और अचूक निशाना लगाकर अपने युद्ध कौशल का परिचय देंगे. प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो, इसके लिए किशन गढ़ फील्ड फायरिंग रेंज पर सभी सुविधाओं के साथ खेल गांव बनाया गया है.

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