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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के घर आई राजस्थानी बहू, दीया कुमारी के पैलेस में लिए फेरे

JP Nadda son wedding : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के छोटे बेटे हरीश की शादी जयपुर के कारोबारी रमाकांत शर्मा की बेटी रिद्धि शर्मा के साथ हुई. 

कौन है नड्डा की राजस्थानी बहू

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कौन है नड्डा की राजस्थानी बहू

रिद्धि जयपुर के बड़े होटल कारोबारी की बेटी है. वो बिजनसमैन रमाकांत शर्मा की बेटी है. उनके दादा का नाम उमाकांत शर्मा है. जेपी नड्डा खुद 24 जनवरी को ही जयपुर पहुंच चुके थे. जहां उन्होंने बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक भी ली. 

इन बड़े नेताओं ने की शिरकत

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इन बड़े नेताओं ने की शिरकत

नड्डा के छोटे बेटे हरीश और रिद्धि की शादी में RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजयपाल कलराज मिश्र, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रभारी अरुण सिंह, सांसद दीया कुमारी, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, समेत कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक समेत सीनियर राजनेता वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे.

परोसे गए राजस्थानी पकवान

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परोसे गए राजस्थानी पकवान

राजस्थानी भोजन में गोंद पाक, मोहनथाल, मूंग - बादाम हलवा, मावे और छैने की मिठाईयों के साथ ही गर्मा गर्म राब और बाजरे के खिचड़े के साथ ही मक्का की रोटी और सरसों का साग का बंदोबस्त किया गया था वहीं हिमाचल की फैमस डिशेज भी बनाई गई थी. 

नड्डा की बड़ी बहू भी है राजस्थानी

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नड्डा की बड़ी बहू भी है राजस्थानी

जेपी नड्डा के छोटे बेटे हरीश की शादी जयपुर में रिद्धि से कर रहे है. इससे पहले बड़े बेटे गिरीश की शादी भी राजस्थान में की थी. ये शादी 2020 में पुष्कर में हुई थी. गिरीश की शादी हनुमानगढ़ के कारोबारी अजय ज्याणी के घर हुई थी. जेपी नड्डा के बड़े बेटे गिरीश की पत्नी का नाम प्राची है. ये शादी साल 2020 में पुष्कर के गुलाब बाग बैलेस में हुई थी. उसके बाद तब भी दिल्ली में एक बड़ा रिसेप्शन कार्यक्रम रखा गया था. 

ऐसा है राजमहल पैलेस

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ऐसा है राजमहल पैलेस

जेपी नड्डा के छोटे बेटे हरीश की शादी राज महल पैलेस में हुई. जहां के एक रात का किराया एक लाख रुपए से अधिक है। 1729 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने राजमहल पैलेस का निर्माण कराया था। साल 1821 में यह ब्रिटिश अधिकारियों का निवास बन गया, तब इसे रेजीडेंसी नाम दिया गया था। महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय ने 1958 में इसे राजपरिवार का आधिकारिक निवास बनाया.