Kotputli Borewell Rescue Operation : कोटपुतली इलाके में एक दर्दनाक घटना में तीन साल की चेतना करीब 170 फीट गहरे खुले बोरवेल में फंस गई है. चार दिन बीत जाने के बावजूद, रेस्क्यू टीम चेतना को सुरक्षित बाहर निकालने में असफल रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन 90 घंटे से अधिक समय से जारी है, लेकिन अब चेतना के परिवार और स्थानीय लोगों की उम्मीदें कम होती जा रही हैं. लोग चेतना के लिए दुआ कर रहे हैं और उसकी सुरक्षित वापसी की कामना कर रहे हैं.
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Borewell Rescue Operation : कोटपुतली में सैंकड़ों फीट गहरे खुले बोरवेल में गिरी चेतना को बचाने के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन अब राजस्थान का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया है. चार दिन से चल रहे इस ऑपरेशन में सफलता नहीं मिलने से अब ग्रामीण मायूस हो गए हैं. एनडीआरएफ की टीम चेतना को बचाने के लिए पाइलिंग मशीन से खुदाई कर रही है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है.
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चेतना को बचाने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक सफलता नहीं मिली है, जिससे ग्रामीणों में मायूसी है. चार दिन से चल रहे इस ऑपरेशन में प्लान-ए और प्लान-बी दोनों ही सफल नहीं हो पाए हैं. अब लोग चेतना के लिए दुआ कर रहे हैं. यह ऑपरेशन राजस्थान का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया है.
कोटपुतली के बड़ीयाली ढाणी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में गुरुवार रात की बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दीं. बारिश के कारण बचाव कार्य प्रभावित हुआ, लेकिन राहतकर्मी चेतना को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए नए गड्डे में पाइप डालने का काम जारी रखे हुए हैं. रेस्क्यू टीम चेतना की सुरक्षित रिहाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. पाइप डालने का काम पूरा होने के बाद एक्सपर्ट टीम द्वारा सुरंग खोदने का काम शुरू किया जाएगा. रेस्क्यू ऑपरेशन के प्लान बी के अनुसार, 170 फीट गहरे गड्डे में पाइल डाले गए हैं, जिससे चेतना को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद मिलेगी. यह काम चेतना की सुरक्षित रिहाई के लिए किया जा रहा है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में एक बार फिर से पत्थर की लेयर ने देरी कराई. गुरुवार को दूसरा गड्डा खोदते समय पत्थर की लेयर आ जाने से काफी दिक्कतें आईं. इसे ड्रिल मशीन से तोड़ने के बाद ही पाइप डालने का काम आगे बढ़ सका. इस गड्डे को पाईलिंग मशीन से खोदा गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग के लिए उत्तराखंड से रेट माइनर टीम को बुलाया गया है, जो हाथ से सुरंग खोदने में विशेषज्ञ है.
सोमवार को दोपहर में कोटपुतली के बड़ीयाली ढाणी में तीन साल की मासूम चेतना एक बोरवेल में गिर गई थी. इसके तीन-चार घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जो अब तक जारी है. शुक्रवार सुबह सात बजे तक इस ऑपरेशन को 90 घंटे हो चुके हैं. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है.
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