Rajasthan News: आयकर विभाग ने बेनामी संपत्तियों को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए एक विशेष अभियान शुरू किया है.इस अभियान के तहत बेनामी संपत्ति धारकों को खुद आगे आकर अपनी संपत्तियों का पूरा विवरण देने का अवसर दिया गया है. यदि वे ऐसा करते हैं, तो उन्हें किसी तरह की सजा से राहत मिल सकती है.
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Rajasthan News: आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति कानून को लेकर अभियान चलाया है. आयकर विभाग ने बेनामीदारों को खुद सामने आकर संपत्तियों का ब्यौरा देने का विकल्प दिया है, ऐसा करने पर उन्हें किसी तरह की सजा नहीं मिलेगी. ऐसा नहीं करने पर वे जुर्माने और सजा के भागीदार बनेंगे. आयकर विभाग ने हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी जारी किया है, हेल्पलाइन नम्बर 0141-2385453 और ईमेल आईडी jaipur.ddit. inv.bpu@incometax.gov. in जारी की है.
आयकर विभाग की अन्वेषण डीजी रेणु अमिताभ ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि एससी/एसटी श्रेणी के अनेक लोगों को बेनामी खरीद-फरोख्त के काम में मोहरा बनाया गया था. अब ऐसे लोग बेनामी प्रॉपर्टी कानून में 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी हुए संशोधन के कारण बेनामी प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में लिप्त होने की सजा से बच भी सकते हैं, जिसके लिए उन्हें खुद विभागीय अधिकारियों के समक्ष बेनामी प्रॉपर्टी की जानकारी साझा करनी होगी.
आयकर विभाग की बेनामी मामले उजागर
आयकर विभाग ने बेनामी संपत्तियों के मामले उजागर करते हुए करोड़ों रुपए की संपत्तियां अटैच की है. अब तक प्रदेश में 551 मामलों में 701 बेनामी संपत्तियां अटैच की है, जिनकी कीमत 402.77 करोड़ रुपए है. 2023-24 में 152 प्रॉपर्टी अटैच हुई है,जिसकी कीमत 55 करोड़ रुपए डीएलसी रेट है. इसी तरह वर्ष 2024 से अब तक 31 प्रॉपर्टी अटैच हुई जिसकी कीमत 80 करोड़ 78 लाख रुपए है. राजस्थान में आयकर (अन्वेषण) डीजी रेणु अमिताभ ने बताया कि प्रदेश की एसीबी समेत अन्य एजेंसियों के कॉर्डिनेशन से बेनामी संपत्तियों पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि बेनामी संपत्ति अटैच करके उसकी नीलामी का प्रावधान है जिस पर विभाग काम कर रहा है. पिछले एक साल में एसटी-एससी की 28 करोड़ रुपए की भूमि अटैच की गई है. ये वो भूमि है जिसे बेनामीदारों ने एसटी-एससी के लोगों के नाम पर खरीदा था. इसमें जयपुर-दिल्ली रोड पर आमेर तहसील के अंतर्गत 52 बीघा भूमि शामिल है. धानक्या जयपुर में भी 7 करोड़ रुपए की भूमि बेनामीदार के नाम से खरीदी गई, जबकि इस भूमि की खरीदार मुंबई बेस्ट एक लिस्टेड कंपनी थी.
आयकर विभाग एजेंसियों से सहयोग ले रहे
आयकर विभाग की अन्वेषण डीजी ने कहा कि प्रदेश की एसीबी समेत अन्य एजेंसियों के साथ कॉर्डिनेशन के साथ किया जा रहा है, ताकि टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाया जा सके. जीएसटी और आईटीआर का क्रॉस वेरिफिकेशन, प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त का रिकॉर्ड आदान प्रदान समेत काम किया जा रहा है. इसके अलावा ईडी के साथ भी तालमेल करके काम किया जा रहा है.
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