Six Point Plan for Improvement: अजमेर हाइवे पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद एनएचएआई ने अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना वाला कट सभी की मंजूरी से खुला था. जेडीए, एनएचएआई और यातायात पुलिस के अधिकारियों ने घटना से पहले इस स्थान का दौरा किया था.
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Jaipur Gas Blast Incident: अजमेर हाइवे पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद एनएचएआई ने अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना वाला कट सभी की मंजूरी से खुला था. जेडीए, एनएचएआई और यातायात पुलिस के अधिकारियों ने घटना से पहले इस स्थान का दौरा किया था. यह यू-टर्न 11 नवंबर 2020 को खोला गया था. एनएचएआई ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट के साथ छह सुझाव दिए हैं, जिनमें घटना वाले पॉइंट पर 24 घंटे एन्फोर्समेंट तैनात करने और ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले वाहन चालकों के लिए एस्कोर्ट सिस्टम शुरू करने की सिफारिश शामिल है.
जयपुर अजमेर हाईवे पर हुए अग्निकांड के बाद एनएचएआई सहित अलग अलग एजेंसियों ने मौके का विजिट किया. उधर इस घटना के बाद घटना स्थल से कुछ दूरी पर रिंग रोड को जोड़ने वाले क्लोवर लीफ के काम को तेजी से करने के निर्देश दिए. एनएचएआई ने इस घटना पर अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए सुझाव देते हुए कहा है घटना वाले पोइंट (रोड कट पर) 24 घंटे एन्फोर्समेंट (पुलिस) की तैनाती करने और इस तरह के वाहन चालकों (जो ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाते है) को गाइड करने के लिए एस्कोर्ट सिस्टम शुरू करने के लिए कहा है.
अजमेर रोड पर भांकरोटा के पास एलपीजी से भरे टैंकर के यू-टर्न लेते समय भिड़ंत के बाद हुए गैस रिसाव और आग लगने से हुए दर्दनाक हादसे ने राजधानी जयपुर को हिलाकर रख दिया. आग की लपटें तीन सौ मीटर तक फैलने से पूरा इलाका आग का गोला नजर आया. हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई. इनमें कई तो जिंदा जल गए. कुछ का असपताल में इलाज जारी है. इसी बीच
अग्निकांड की घटना के बाद अब उसकी जांच के लिए एजेंसियां मौके की विजिट करने पहुंच रही है. एनएचएआई के अधिकारियों ने घटना स्थल से कुछ दूरी पर रिंग रोड को जोड़ने वाले क्लोवर लीफ के काम को तेजी से करने के निर्देश दिए. वहीं एनएचएआई ने इस घटना पर अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए सुझाव दिए है. इसमें घटना वाले पोइंट (रोड कट पर) 24 घंटे एन्फोर्समेंट (पुलिस) की तैनाती करने और इस तरह के वाहन चालकों (जो ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाते है) को गाइड करने के लिए एस्कोर्ट सिस्टम शुरू करने के लिए कहा है.
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अजय आर्य ने बताया- जिस फर्म को क्लोवर लीफ का काम दिया है, उसे काम तेजी से करने के निर्देश दिए और अगले साल के आखिरी तक पूरा करने के लिए का है. इसे देखते हुए हमने कॉन्ट्रेक्ट के दो अन्य जगह काम चल रहे थे उनको भी रूकवाकर सभी मैनपॉवर इस क्लोवर लिफ के निर्माण पर ही लगाने के निर्देश दिए है. परियोजना निदेशक ने बताया- टेंडर के मुताबिक कॉन्ट्रेक्टर को इस वर्क को पूरा करने के लिए मार्च 2026 तक का समय दे रखा है.
ये दिए सुझाव
1::महत्वपूर्ण पॉइंट पर 24 घंटे यातायात पुलिस तैनात की जानी चाहिए. क्योंकि यात्री केवल दिन के समय ही नियमों का पालन करते हैं. सूर्यास्त और रात के बाद, एनफोर्समेंट के अभाव में, यात्री यातायात नियमों का उल्लंघन करते है.
2. ज्वलनशील पदार्थ को डबल-लेयर सुरक्षा प्रणाली में संग्रहित किया जाना चाहिए और उनके एस्कॉर्ट वाहन द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए.
3. वाहन चालक को उचित आराम देना चाहिए.
4. गाड़ियों की समय समय पर पॉल्यूशन एण्ड फिट्नस जांच हो.
5. चालक द्वारा लाइन अनुशासन का पालन किया जाना चाहिए.
6::जन स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायें.
घटना के बाद एनएचएआई ने जो अपनी रिपोर्ट बनाई है उसमें बताया गया है जयपुर किशनगढ़ पर डीपीएस कट (जहाँ घटना हुई) का निर्माण अजमेर रोड से आने वाले और जयपुर रिंग रोड (दक्षिणी कॉरिडोर) की ओर जाने वाले वाहनों के लिए यू-टर्न लेने के खोला गया था.
इस कट को खोलने के लिए जेडीए और ट्रेफिक पुलिस की ज्वाइंट कमेटी से मंजूरी मिली है. इस कट के निर्माण से पहले, जेडीए, एनएचएआई और यातायात पुलिस के अधिकारियों की एक जॉइंट समिति ने साइट का दौरा कर मंजूरी दी थी. इसके बाद कट का निर्माण किया गया, जो 30 मीटर चौड़ा था और ट्रैफिक लाइटिंग, मार्किंग, साइन बोर्ड पहले से ही साइट पर लगाए गए थे.
चूंकि कट वाली जगह रोड की चौड़ाई कम हो रही थी. जिसे देखते हुए कट पर रोड की चौड़ाई को 6 लेन से बढ़ाकर 10 लेन किया गया. ताकि बड़ी गाड़ी के घुमने के दौरान ट्रेफिक जाम की स्थिति से बचा जा सके. एनएचएआई ने इस तरह की घटना दोबारा कहीं न हो इसके लिए इस तरह के ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले वाहनों के लिए एस्कोर्ट की व्यवस्था करवाने का सुझाव दिया है. क्योंकि इन वाहनों को कहा मुड़ना है, कैसे मुड़ना है इसके लिए गाइड करने की व्यवस्था एस्कोर्ट वाहन चालक ही करें तो ज्यादा बेहतर होगा. एनएचएआई ने अपनी रिपोर्ट के साथ सुझाव दिया है कि इस पोइंट पर 24 घंटे एन्फोर्समेंट (ट्रेफिक पुलिस के जवान) की तैनाती भी होनी चाहिए. दिन में पुलिस के रहने से यहां वाहन चालक नियमों का पालन तो करते है, लेकिन रात में जब पुलिस फोर्स नहीं होती तो वाहन चालक मनमर्जी से ट्रेफिक रूल्स को फॉलो करते है.
बहरहाल, भांकरोटा के पास जिस कट पर हादसा हुआ, वह कट नवम्बर 2020 में रिंग रोड से आने और रिंग रोड पर जाने वाले ट्रैफिक के लिए बनाया गया था. इसके साथ ही रिंग रोड के ट्रैफिक के सुचारू संचालन के लिए जयपुर-किशनगढ़ राजमार्ग के ऊपर क्लोवर लीफ का काम शुरू कर दिया गया. शुक्रवार को हुई दर्दनाक घटना ने सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर दिए? अब सरकारी सिस्टम में सारे विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल खुद को बचाने में लग गए है.
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