जयपुर न्यूज: राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर यानी राजूवास यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों को इंतजार है.पिछले 15 दिन से राजभवन में निर्णय इसको लेकर लंबित है.
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जयपुर: राजस्थान के एक विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर भर्ती पिछले 6 माह से अटकी पड़ी है. भर्ती में इंटरव्यू हो चुके हैं और अब भर्ती के परिणाम आना बाकी हैं. लेकिन जिस तरह की प्रक्रिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनाई, वह इसे विवादों में खड़ा करती है. शिकायतों पर राज्य सरकार की कमेटी ने जांच की तो भर्ती प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण माना. भर्ती को लेकर अब अंतिम निर्णय राजभवन करेगा. भर्ती रद्द होगी या बहाल.
राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर यानी राजूवास यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में गेंद अब राजभवन के पाले में चली गई है. दरअसल सहायक प्रोफेसर के 72 पदों पर की जा रही इस भर्ती में रोस्टर से छेड़छाड़ और एससी-एसटी के बैकलॉग के पदों को कम करने सम्बंधी शिकायतें हुई थी. सीएमओ के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने भर्ती में गड़बड़ियों की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी.
21 दिसंबर 2022 को पशुपालन विभाग की उप सचिव कश्मी कौर ने एक आदेश जारी कर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इसके बाद पशुपालन विभाग ने डीओपी से भी राय मांगी थी. डीओपी ने इस मामले में प्रशासनिक विभाग को ही निर्णय करने के लिए कहा था. पशुपालन विभाग की जांच कमेटी ने 4 अप्रैल को अपनी फाइनल रिपोर्ट दी थी. पशुपालन विभाग की उप सचिव कश्मी कौर की अध्यक्षता में गठित इस 5 सदस्यीय कमेटी ने भर्ती रद्द करने की अनुशंसा की है.
कमेटी ने मानी कैसी-कैसी गड़बड़ियां ?
- पशुपालन विभाग की जांच कमेटी ने 4 अप्रैल को 3 बिन्दुओं पर रिपोर्ट दी
- पहला बिन्दु- आवेदन की अंतिम तिथि पश्चात स्कोर कार्ड के अंकों में फेरबदल
- 18 जुलाई 2022 को अंतिम तिथि बाद VO के अनुभव के अंक जोड़े गए
- इससे चहेते लोगों को भर्ती प्रक्रिया में लाभ पहुंचाने के हैं आरोप
- दूसरा बिन्दु- असिस्टेंट लाइब्रेरियन के पद को असिस्टेंट प्रोफेसर के रोस्टर में शामिल किया
- असिस्टेंट लाइब्रेरियन का पद सृजन आदेश में है अशैक्षणिक संवर्ग में
- जबकि राजूवास ने भर्ती के दौरान इसे शैक्षणिक संवर्ग में शामिल कर लिया
- असिस्टेंट लाइब्रेरियन के 4 पदों को असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों में शामिल किया, जो त्रुटिपूर्ण
- तीसरा बिन्दु- रोस्टर पंजिका के संधारण में त्रुटि
- विश्वविद्यालय द्वारा 27 फरवरी 2021 को शैक्षणिक पदों का रोस्टर बनाया गया
- इसमें सहायक आचार्य के 208 पद, बैकलॉग में एससी के 4, एसटी के 5 पद दर्शाए
- 9 जुलाई 2021 को दुबारा हुए रोस्टर में सहायक आचार्य के 257 पद दर्शाए
- इसमें बैकलॉग के एससी के 2, एसटी के मात्र 3 पद दर्शाए गए
- जबकि 23 जून को जो भर्ती का विज्ञापन था, उसमें एससी-एसटी के मात्र 1-1 पद थे
- कमेटी ने माना कि बैकलॉग की गणना त्रुटिपूर्ण, इससे भर्ती पर प्रश्न चिन्ह लगे
- कई अन्य पदों की संख्या और विज्ञापित पदों में भी है अंतर
विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो कमेटी की रिपोर्ट को पशुपालन विभाग ने सीएमओ भिजवाया था. सीएमओ ने भी विभागीय जांच रिपोर्ट को आधार मानते हुए भर्ती रद्द किए जाने की अनुशंसा की है. चूंकि भर्ती विश्वविद्यालय की है, ऐसे में राज्य सरकार सीधे तौर पर भर्ती रद्द करने का निर्णय नहीं ले सकती है. इसलिए पशुपालन विभाग ने भर्ती को लेकर जांच कमेटी की अनुशंसा को राजभवन भिजवाया है. सूत्रों के मुताबिक फाइल राजभवन भेजे हुए 15 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक राजभवन ने राज्य सरकार की इस अनुशंसा को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है.
भर्ती को लेकर राज्यपाल काे पत्र
- राजस्थान युवा बोर्ड के सदस्य सुनील शर्मा ने राज्यपाल को भेजा पत्र
- राजूवास की भर्ती में गड़बड़ियों की बात कही
- लिखा, राज्य सरकार की जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की
- पशुपालन मंत्री व सीएमओ के अनुमोदन के बाद राजभवन भेजी पत्रावली
- इसलिए इस पत्रावली पर जल्द निर्णय किया जाए
- जिससे युवाओं के भविष्य से किए जा रहे खिलवाड़ को रोका जा सके
- सुनील शर्मा ने दोषियों पर कठोर कार्यवाही किए जाने की भी मांग की
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